सौर ऊर्जा के साथ पानी बचाएगा हाईटेक एक्सप्रेसवे, जानिए 14 खासियतें

नई दिल्ली। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली से मेरठ तक जाने वाली देश की सबसे हाईटेक एक्सप्रेसवे का उदघाटन किया। यह हरियाणा के सोनीपत और पलवल को जोड़ता है। ईस्टर्न पेरिफेरल नाम का ये एक्सप्रेसवे अपने आप में कई खासियतें लिए हुए है। इस एक्सप्रेसवे की सबसे ख़ास बात ये है कि इस सड़क पर निकलने वाले राहियों को मौसम का जबरदस्त जलवा देखने को मिलेगा।

ईस्टर्न पेरिफेरल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्सप्रेसवे के उदघाटन में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को 31 मई तक की डेडलाइन दे दी थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने 27 मई को ही उदघाटन कर दिया।

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ईस्टर्न पेरिफेरल देश का एक मात्र ऐसा एक्सप्रेसवे है जो सौर उर्जा की रौशनी से जगमगाएगा। इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे पर हर 500 मीटर की दूरी पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था की गई है, जो बढ़ते जल संकट को कम करने के लिए एक नई पहल है।

 ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की खासियतें

  1. प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिये आधारशिला पांच नवंबर 2015 को रखी थी।
  2. यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल और ग्रेटर नोएडा के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
  3. 135 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे का काम मात्र 500 दिनों में पूरा किया गया है जो कि एक रेकॉर्ड है।
  4. प्रॉजेक्ट को पूरा करने में 2094 वर्कर्स और 7281 स्किल्ड और अनस्किल्ड ने काम किया है।
  5. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को बनाने की लागत 11 हजार करोड़ रुपये है।
  6. इस एक्सप्रेस वे पर 8 सौर संयंत्र हैं। जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है।
  7. ईस्टर्न पेरीफेरल देश का पहला राजमार्ग है जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी।
  8. प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी।
  9. इसमें 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा 40 झरने होंगे।
  10. यह एक्सप्रेसवे इंटेलिजेंट हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और विडियो इन्सिडेंट डिटेक्शन सिस्टम से लैस है।
  11. इसमें 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा 40 झरने होंगे।
  12. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 10 लाख टन सीमेंट और इसकी मजबूती के लिए 200 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।
  13. 6 लेन के इस एक्सप्रेस-वे में 7 इंटरचेंज मौजूद हैं जिससे एक शहर से दूसरे शहर में मुसाफिर आसानी से जा सकते हैं।
  14. 135 किमी के टुकड़े में आठ जगह हाइवे नेस्ट होंगे, जिनमें जलपान और खानपान की सुविधाएं मिलेगी।
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