कपास का शुल्क-मुक्त आयात 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा, निर्माताओं और उपभोक्ताओं के लिए राहत

केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग को बड़ी राहत देते हुए कपास (HS 5201) के शुल्क-मुक्त आयात की अवधि को तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया है। यह निर्णय अमेरिका द्वारा भारतीय कपड़ा, रत्न, आभूषण और चमड़ा उत्पादों पर लगाए गए 50% टैरिफ (27 अगस्त से प्रभावी) के दबाव को कम करने के लिए लिया गया है। पहले यह छूट 19 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक लागू थी, जिसे अब वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचित कर विस्तारित किया।

वित्त मंत्रालय का बयान
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “निर्यातकों को और अधिक समर्थन देने के लिए केंद्र सरकार ने कपास पर आयात शुल्क छूट को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक करने का फैसला किया है।” इस छूट में 5% मूल सीमा शुल्क (BCD), 5% कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (AIDC), और दोनों पर 10% सामाजिक कल्याण अधिभार शामिल है, जिससे कुल 11% आयात शुल्क को पूरी तरह हटाया गया है।

निर्माताओं और उपभोक्ताओं को लाभ
इस कदम से कपड़ा मूल्य श्रृंखला (सूत, कपड़ा, परिधान और मेड-अप) में कच्चे माल की लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे निर्माताओं और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी। घरेलू बाजार में कपास की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें स्थिर होंगी, जिससे तैयार कपड़ा उत्पादों पर महंगाई का दबाव कम होगा। यह कदम विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को संरक्षण देगा और भारतीय कपड़ा उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा।

अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के जवाब में भारतीय उत्पादों पर 25% बेस टैरिफ के अतिरिक्त 25% दंडात्मक शुल्क लगाया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है। तुलनात्मक रूप से, बांग्लादेश और वियतनाम पर 20%, और चीन पर 30% टैरिफ है। इस दबाव के बीच, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) ने सरकार से कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की थी, जिसके जवाब में यह छूट दी गई है।

किसानों पर प्रभाव
हालांकि, इस फैसले से कपास किसानों में नाराजगी है। किसानों का कहना है कि सस्ते आयातित कपास के कारण उनकी नई फसल को उचित दाम नहीं मिलेंगे, जिससे कपास की खेती सिमट सकती है। कई किसान संगठनों ने इसे किसान विरोधी नीति करार देते हुए सरकार पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।

निर्यात रणनीति
सरकार ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में 40 देशों में कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, जिसमें जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, और यूएई जैसे बाजार शामिल हैं। यह कदम भारत को उच्च गुणवत्ता और टिकाऊ कपड़ा उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता बनाने की दिशा में है, ताकि 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

LIVE TV