योगी के मंत्री के इस फैसले से मजबूर हो जाएंगे डीएम और एसपी

बांदा| उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड का बांदा जनपद अवैध खनन के लिए बदनाम रहा है। सत्ता परिवर्तन के बाद भी बालू माफियाओं के जेहन में कोई असर नहीं पड़ा और अवैध खनन का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है। प्रदेश के सिंचाई मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह शुक्रवार को अवैध मामले में जिलाधिकारी पर बिफर गए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, “यदि डीएम अवैध खनन नहीं रोक पाएं तो वह खुद इसे रोकने निकलेंगे।

प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने आए प्रदेश के सिंचाई मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह शुक्रवार को नदियों से हो रहे बालू के अवैध खनन से जुड़े मीडिया के सवालों से तिलमिला गए और जिलाधिकारी पर बिफरते हुए कहा कि यदि जिलाधिकारी अवैध खनन नहीं रोक पाएंगे तो वह इसे रोकने खुद निकलेंगे।

मंत्री ने कहा, “बांदा के लिए केन नदी जीवनदायिनी है, इसके सूखने पर मैं भी चिंतित हूं। अवैध खनन पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित है और इसे बांदा में भी बंद कराया जाएगा। जिलाधिकारी से कह कर इसका निरीक्षण कराएंगे। यदि डीएम अवैध खनन नहीं रोक पाएं तो मैं खुद निकलूंगा और अवैध खनन बंद कराऊंगा।” उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कें जनता के लिए हैं, खनन माफियाओं के लिए नहीं।

यह भी पढ़े: सरकार के 4 साल पूरे होने पर मोदी ने कहा, ‘भारत सबसे पहले’

गौरतलब है कि पिछले कई महीने से गिरवां और आसपास के इलाके के कोलावल रायपुर, रनगढ़ किला, मऊ सहित जिले के दो दर्जन जगहों पर माफियाओं ने केन नदी में पोकलैंड मशीन और लिफ्टर मशीन से बालू का खनन कर नदी की जलधारा परिवर्तित कर दी है, जिससे भारी पेयजल संकट पैदा हो गया है।

इसके पूर्व भी सिंचाई मंत्री कई बार जिलाधिकारी को इसे बंद कराने की हिदायत दे चुके थे, लेकिन जिलाधिकारी की चुप्पी से माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। इसी अनदेखी से मंत्री जिलाधिकारी पर बिफर गए।

LIVE TV