चंदौली में पशुओं में लंपी संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन सख्त, जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

लंपी वायरस (Lumpy Virus in UP) यूपी के जिलों में तेजी से फैल रहा है। इसके लिए पशु विभाग को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर है। जिला प्रशासन की तरफ से बकायदा एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि अगर किसी भी पशुपालक को उनके पशुओं में इस बीमारी के कोई भी लक्षण दिखाई दें तो वह तत्काल पशु चिकित्सा विभाग को सूचित करें और उनका इलाज कराएं।

संक्रमण के दौरान खुले घाव के देसी उपचार

नीम के पत्ते एक मुट्ठी, तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी, मेहंदी के पत्ते एक मुट्ठी, लहसुन की कली 10 हल्दी पाउडर 10 ग्राम, नारियल का तेल 500 मिलीलीटर को मिलाकर धीरे-धीरे पकाएं और ठंडा होने के बाद नीम की पत्ती पानी में उबालकर पानी से घाव साफ करने के बाद जख्म पर लगाएं। साथ ही किसी भी पशु में बीमारी होने पर नजदीक के पशु चिकित्सालय पर संपर्क करके उपचार कराएं। किसी भी दशा में बिना पशु चिकित्सक के परामर्श के कोई उपचार स्वंय न करें। लंपी बीमारी से बचाव हेतु पशुपालन के कर्मियों द्वारा अभियान चलाकर गोवंशीय पशुओं को टीका फ्री लगाया जा रहा है, सभी पशुपालक अपने पशुओं को टीका जरूर लगवाएं।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में लंपी वायरस से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने जिस तरह से कोविड काल में कोविड कंमाड सेंटर बनाया था, कुछ उसी तर्ज पर लंपी वायरस से बचाव के लिए कई जिलों में कंट्रोल रुम बनाया गया है। ये कंट्रोल रूम लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं। यहां लंपी वायरस की मॉनीटरिंग की जा रही है। कंट्रोल रूम में वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है।

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