डेरा सच्चा सौदा ने कबूली जमीन के नीचे कंकाल होने की बात!
नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा की साध्वियों से रेप के आरोपी ठहराए गए राम रहीम को लेकर रोजाना नए-नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बीते दिनों ही एक पत्रकार ने राम रहीम के डेरे को अच्छी तरह खंगाला जाए तो देश को हिला देने वाली सच्चाई सामने आएगी। आज ही अदालत के आदेश पर राम रहीम के हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। लेकिन इस बीच पत्रकार के किए दावे पर खुद डेरा सच्चा सौदा ने ही मुहर लगा दी है।
डेरा मुख्यालय में हाईकोर्ट की मंजूरी के के बाद सिरसा में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गय़ा है। सर्च ऑपरेशन की निगरानी के लिए हाईकोर्ट ने एक रिटायर्ड जज एके पवार को नियुक्त किया है। जिनकी निगरानी में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
इस दौरान पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी की जा रही है। खुदाई के लिए 20 जेसीबी मशीने मंगाईं गई हैं। लेकिन इससे पहले ही डेरा ने जमीन के नीचे कंकाल होने की बात स्वीकार कर ली है।
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डेरे में मारकर दबा दिए गए लोगों की अस्थियां मिलने की आशंका के बीच डेरा के अखबार ‘सच कहूं’ ने इस पर सफाई पेश करने की कोशिश की है। हालांकि इस कोशिश में अखबार ने स्वीकार कर लिया है कि डेरे में लाशें दबी हैं ।
डेरा सच्चा सौदा के अखबार ने सफाई दी है कि डेरा परिसर में खुदाई के दौरान दबी हुई हड्डियां और अस्थियां मिल सकती हैं, क्योंकि गुरमीत राम रहीम अपने अनुयायियों को अस्थियों को नदियों में बहाने से रोका करता था और कहा करता था कि अस्थियों का विसर्जन करने से प्रदूषण फैलता है और नदियों में गंदगी होती है.
सर्च ऑपरेशन के लिए 5000 जवानों की तैनाती की गई है। जो सर्च ऑपरेशन का हिस्सा होंगे। इस दौरान पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। सर्च ऑपरेशन के मद्देनजर सिरसा में पुलिस, पैरा मिलट्री फोर्स की 25 कंपनियां तैनात हैं।
इससे पहले ही डेरे की दो साध्वियों से दुष्कर्म के दोषी राम रहीम को लेकर एक पूर्व पत्रकार रामानंद टाटिया ने खुलासा किया है कि अगर अभी डेरे के अंदर खुदाई की जाए तो वहां पर कई नर कंकाल निकलेंगे।
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टाटिया ने कहा था कि, डेरे में कई लोगों की हत्या की गई है। मीडिया के सामने खुदाई के बाद जो खौफनाक सच्चाई सामने आएगी वो पूरी दुनिया देख कर सिहर जाएगी। वहां पर आवाज उठाने वालों को जिंदा ही जला दिया जाता था। सच्चाई दुनिया के सामने न आए इसके लिए कंकालों को डेरे के अंदर ही दफना दिया जाता था।
साथ ही बताया था कि, दफनाने के बाद उसके ऊपर पेड़ लगा दिया जाता था। डेरे के अंदर लोगों से कुर्बानी फॉर्म भी भरवाए जाते थे। इसमें लिखा जाता था कि मैं अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हूं। कोई भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। न मेरे परिवार वाले और न ही कोई और। इस तरह के फॉर्म अकेले डेरे के अंदर ही 500 से ज्यादा लोगों ने भरे थे। तो समझ लीजिए कि पूरे हरियाणा में कितने लोगों ने भरे होंगे।
टाटिया का आरोप है कि, डेरा के लिए यहां पर कई लोगों की जमीनों को छीना गया। जिन लोगों से जमीन छीनी गई, उन्हें पैसे भी कम दिए गए। उन्होंने कहा कि डेरा के लोगों ने कई बार मुझे भी मारने की कोशिश की। पहले डेरे के अंदर कोई राम रहीम के खिलाफ बोलता नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि, जब मैं ही पत्रकारिता करता था तो इन्होंने कई बार मुझ पर हमला कराया। मेरे ऑफिस पर कई बार हमला हुआ। टाटिया ने कहा कि डेरा के अंदर अभी भी हथियारों का जखीरा है। लेकिन संभावना है कि अपने रसूख के चलते उन्हें भी गायब करा दिया गया हो।