बिहार चुनाव: योगी के ‘पप्पू-टप्पू-अप्पू’ तंज पर अखिलेश का जोरदार पलटवार, बोले- ‘बिहार को गप्पू-चप्पू से बचाना है’; बंदरों वाली टोली पर कसा तंज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एनडीए और महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) के नेताओं के बीच जुबानी जंग चरम पर पहुंच गई है। सोमवार को दरभंगा में एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोला।

महात्मा गांधी के प्रसिद्ध तीन बंदरों का जिक्र करते हुए योगी ने विपक्ष के तीन नेताओं—कांग्रेस के राहुल गांधी, राजद के तेजस्वी यादव और सपा के अखिलेश यादव—को ‘पप्पू’, ‘टप्पू’ और ‘अप्पू’ करार दिया। इस तंज का जवाब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तुरंत सोशल मीडिया पर दिया, जहां उन्होंने भाजपा को ‘गप्पू-चप्पू’ ठहराते हुए कहा कि बिहार को इनसे बचाना है। अखिलेश ने बंदरों वाली टोली पर भी कटाक्ष किया, जिससे चुनावी माहौल और गरमा गया।

योगी का तीखा तंज: ‘इंडिया गठबंधन के तीन नए बंदर—पप्पू, टप्पू, अप्पू’

दरभंगा के केवटी विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “गांधीजी ने तीन बंदरों को उपदेश दिया था—बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो। लेकिन आज इंडिया गठबंधन के तीन नए बंदर आ गए हैं: पप्पू, टप्पू और अप्पू। पप्पू सच नहीं बोल सकता, टप्पू सही को देख नहीं सकता और अप्पू सच नहीं सुन सकता।” योगी ने इन तीनों को क्रमशः राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता एनडीए के विकास को न देखते, न सुनते, न मानते हैं। योगी ने राजद और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये जाति को जाति से लड़ाते हैं, बंदूक-पिस्तौल से बिहार को कलंकित करते हैं और घुसपैठियों को आमंत्रित कर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करते हैं। उन्होंने महागठबंधन को ‘परिवार माफिया’ का साथी बताया, जो बिहार की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रच रहा है।

यह बयान बिहार चुनाव के पहले चरण (6 नवंबर) से ठीक पहले आया, जब एनडीए सुशासन का दावा कर रहा है। योगी ने कहा कि एनडीए ने बिहार को अपराधमुक्त और विकास की राह पर ला दिया है, जबकि विपक्ष पुराने जंगलराज को लौटाना चाहता है।

अखिलेश का तुरंत पलटवार: ‘आईना देखकर आते हैं, तो हर तरफ बंदर नजर आते हैं’

योगी के तंज पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर तीखा जवाब दिया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “जो लोग आईना देखकर आते हैं, उन्हें हर तरफ बंदर नजर आते हैं। बंदर की टोली में बैठा दिए जाएं, तो अलग नजर भी नहीं आते हैं!” यह पोस्ट सीधे योगी पर कसा गया तंज माना जा रहा है, जहां अखिलेश ने भाजपा नेताओं को खुद बंदरों वाली टोली का हिस्सा ठहराया।

सिवान में एक सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने भाजपा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “हमें बिहार को ‘गप्पू’ और ‘चप्पू’ से बचाना है।” अखिलेश ने एनडीए पर आरोप लगाया कि वे बिहार को ‘गिरवी रखना’ चाहते हैं और तेजस्वी यादव के नौकरियों तथा महिलाओं को 2500 रुपये सम्मान राशि के वादों से घबरा गए हैं। उन्होंने भाजपा को ‘गप्पू का मामला’ बताते हुए उनके पुराने वादों—चांद पर जमीन, 15 लाख बैंक में, करोड़ों नौकरियां—की याद दिलाई। अखिलेश ने कहा, “ये वे लोग हैं जिन्हें अमेरिका ने चोट पहुंचाई है। अमेरिका उन्हें डरा रहा है, इसलिए वे ऐसी रणनीति अपनाएंगे ताकि उनकी विफलताओं पर बहस न हो। भाजपा के पास बड़े ‘गप्पू’ और उनके ‘चप्पू’ हैं, लेकिन बिहार की जनता इस बार ‘समरसता’ चुनेगी।”

चुनावी जंग तेज: कांग्रेस का भी जवाब, ‘योगी हनुमान जी का अपमान कर रहे’

योगी के बयान पर कांग्रेस ने भी कड़ा रुख अपनाया। कांग्रेस नेता पवन खेरा ने कहा, “वह योगी हैं, लेकिन हनुमान जी का अपमान कर रहे हैं।” उन्होंने बंदरों वाले तंज को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर नकारा। महागठबंधन का दावा है कि एनडीए के पुराने नैरेटिव से वोटर ऊब चुके हैं, जबकि युवा रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर फोकस कर रहे हैं।

यह जुबानी जंग बिहार चुनाव के दो चरणों (6 और 11 नवंबर) से पहले तेज हो गई है, जहां नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। एनडीए सुशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर दे रहा है, जबकि महागठबंधन सामाजिक न्याय और विकास के वादों से वोटरों को लुभा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे तंज चुनावी माहौल को और गर्म रखेंगे, लेकिन वोटर अंत में स्थानीय मुद्दों पर फैसला लेंगे।

LIVE TV