
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फर्जी डिग्री मामले में प्रयागराज एसीजेएम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने फर्जी डिग्री मामले में दाखिल अर्जी खारिज कर दी है। मामले में कोर्ट का कहना है कि इसमें किसी भी थाने में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर त्रिपाठी की ओर से दाखिल अर्जी में फर्जी डिग्री लगाकर चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप हासिल करने का आरोप लगाया गया था।

अर्जी में फर्जी डिग्री के आधार पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का निर्वाचन रद्द करने और पेट्रोल पंप का आवंटन भी निरस्त करने की मांग की गई थी। वहीं, एसीजेएम कोर्ट ने याची अधिवक्ता उमाशंकर चतुर्वेदी की बहस सुनने और एसएचओ कैंट की ओर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने एक सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बता दें कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत प्रयागराज के कर्बला निवासी आरटीआई कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने अदालत से मांग की थी कि इस प्रकरण में कैंट थाना के प्रभारी को आदेशित किया जाए कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधि अनुसार विवेचना करें। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने विधानसभा का चुनाव और उसके बाद कई चुनाव में अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी कागजात का उपयोग किया।
इन्हीं कागजात को इंडियन आयल कारपोरेशन में लगाकर पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया गया है। प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अलग-अलग वर्ष अंकित हैं तथा इनकी मान्यता नहीं है । स्थानीय थाना व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार के विभिन्न अधिकारियों मंत्रालयों को प्रार्थना पत्र दिए गए, परंतु मुकदमा दर्ज नहीं होने के कारण अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया।