अस्पताल की लापरवाही से नवजात बच्चे की मौत, डीएम ने 7 दिन में मांगी रिपोर्ट

नवजात

चंपावत। बीते दिनों कई शहरों के अस्पतालों में नवजात शिशुओं की मौत की खबर आती रही है। जिस तरह से यह बच्चे अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं। इसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि प्रशासन द्वारा इसे रोक पाना मुश्किल सा हो गया है। ऐसा ही नवजात शिशु की मौत का मामला चंपावत ज़िले के टनकपुर सीएचसी से आया है। शिशु के पिता इरशाद अहमद ने मौत का कारण डॉक्टरों की लापरवाही बताई है।

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इरशाद ने नवजात की मौत कारण डॉक्टरों की लापरवाही बताते हुए उनके ऊपर गंभीर आरोप भी लगाया है। उसके बाद चंपावत के ज़िलाधिकारी अहमद इकबाल को सुनवाई के लिए पत्र लिखा था। इरशाद का कहना है कि बच्चा वक्त से पूर्व जन्म लेने के कारण से बहुत कमजोर था उसके बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने उस नवजात को ऑक्सीजन पर रखा था।

इसके चलते अस्पताल में अचानक बिचली गुल हो गई जिससे अस्पताल की ऑक्सीजन मशीन बंद हो गई। ऑक्सीजन न मिलने से देखते ही देखते उस बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। उसके बाद उस बच्चे की मौत हो गई।

चंपावत ज़िले के टनकपुर सीएचसी में नवजात शिशु की मौत के बाद इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इरशाद के अनुसार उन्होंने डॉक्टर ने जनरेटर चलाने के लिए बोला तो डॉक्टर ने इऱशाद से ही 10 लीटर डीजल लाने को कहा और यह भी कहा कि नहीं लाए तो जनरेटर नहीं चालु होगा।

आक्सीजन न मिलने के चलते इरशाद के नवजात बच्चे की मौत हो गई। इरशाद की शिकायत पर डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति की गठित कर दी है। डीएम ने समिति को सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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