पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती करें गैर-भाजपा शासित राज्य : भाजपा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्य केंद्र सरकार के खिलाफ प्रचार करने के बजाए तेल की कीमतों पर वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती कर आम लोगों को राहत प्रदान करें। भाजपा का आरोप है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारें तेल की महंगाई से लोगों को राहत दिलाने में अपनी भूमिका नहीं निभा रही हैं।

मीनाक्षी लेखी

भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा, “गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने आम लोगों का बोझ घटाने की कोशिश नहीं की है।” उन्होंने कहा, “उनको (गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को) संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। वे सिर्फ प्रचार कर रही हैं, लोगों को मदद नहीं कर रही हैं।”

गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तेल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी। इसके अलावा उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को तेल के दाम में एक रुपये प्रति लीटर की कमी करने को कहा था।

लेखी ने कहा कि एक रुपये प्रति लीटर तेल के दाम में कटौती करने से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को करीब 9,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा जबकि 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से तेल पर उत्पाद कर कटौती से केंद्र सरकार को करीब 10,000 करोड़ रुपये घाटा होगा।

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लेखी ने कहा कि भाजपा शासित अधिकांश राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती की है, जिससे लोगों को पांच रुपये प्रति लीटर की राहत मिली है। लेकिन दिल्ली, केरल, पंजाब और अन्य गैर-भाजपा शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया है।

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भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार का शुल्क (कर) तय है. यह राज्य हैं ‘प्रतिशत के रूप में’ शुल्क वसूलते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें तेल के दाम पर औसतन 29 फीसदी कर लेती हैं।

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