कांग्रेस का सवाल: ‘देश को धनखड़ के बोलने का इंतजार’, उपराष्ट्रपति चुनाव के बीच चुप्पी पर निशाना

9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान के बीच कांग्रेस पार्टी ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चुप्पी पर तीखे सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि धनखड़ ने जुलाई 2025 में अपने अचानक इस्तीफे के बाद पिछले 50 दिनों से असामान्य रूप से चुप्पी साध रखी है, और देश उनके बयान का इंतजार कर रहा है।

धनखड़ के इस्तीफे का पृष्ठभूमि

जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल दो साल शेष था। उनके इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े किए, खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने इस्तीफे के बाद कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “पिछले 50 दिनों से श्री जगदीप धनखड़ ने चुप्पी साध रखी है, जो उनके लिए असामान्य है। आज जब उनके उत्तराधिकारी के लिए चुनाव चल रहा है, देश उनके अभूतपूर्व और अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद उनके बयान का इंतजार कर रहा है।” रमेश ने यह भी कहा कि धनखड़ ने अपने इस्तीफे से पहले मोदी सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा और सत्ता के अहंकार से उत्पन्न खतरों पर चिंता जताई थी।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी धनखड़ की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने 28 अगस्त 2025 को मोतिहारी, बिहार में कहा, “जो उपराष्ट्रपति राज्यसभा में खुलकर बोलते थे, वे आज पूरी तरह चुप क्यों हैं? उनके इस्तीफे के पीछे एक बड़ी कहानी है।” शिवसेना नेता संजय राउत ने तो गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर धनखड़ के ठिकाने के बारे में पूछते हुए हेबियस कॉर्पस याचिका की बात कही थी।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025

धनखड़ के इस्तीफे के बाद 9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ। एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला था। एनडीए को अपने संख्याबल के आधार पर जीत की उम्मीद थी, और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने दावा किया कि राधाकृष्णन भारी अंतर से जीतेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के लिए समर्थन जुटाने की अपील की। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ, और परिणाम उसी दिन शाम तक घोषित होने की उम्मीद थी।

कांग्रेस का निशाना

कांग्रेस ने धनखड़ की चुप्पी को राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा और उसके बाद की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। पार्टी ने इसे सरकार की विफलताओं और किसानों के प्रति उपेक्षा से जोड़ा। राहुल गांधी ने भी धनखड़ की अनुपस्थिति को रहस्यमयी बताते हुए सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस का कहना है कि धनखड़, जो पहले राज्यसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने के आरोपों का सामना कर चुके थे, अब अपनी चुप्पी से और सवाल उठा रहे हैं।

धनखड़ की चुप्पी पर अन्य प्रतिक्रियाएं

एक्स पर एक यूजर ने लिखा कि धनखड़ राजस्थान के सक्रिय नेता रहे हैं, और उनकी चुप्पी असामान्य है। उन्होंने दावा किया कि धनखड़ घर पर आराम कर रहे हैं और योग कर रहे हैं, लेकिन यह खबरें संदेह पैदा करती हैं। विपक्षी नेताओं ने इसे लोकतंत्र में पारदर्शिता की कमी से जोड़ा। संजय राउत ने गृह मंत्रालय से धनखड़ का पता लगाने की मांग की, जिसे कुछ विश्लेषकों ने राजनीतिक ड्रामा करार दिया।

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे और उसके बाद की चुप्पी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजनीतिक बहस को गर्म कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सरकार के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया, जबकि एनडीए ने इसे विपक्ष की नकारात्मक रणनीति बताया।

धनखड़ की चुप्पी का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह मुद्दा संसद और जनता के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। देश अब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव परिणामों और धनखड़ की ओर से किसी संभावित बयान का इंतजार कर रहा है।

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