
देहरादून। शिक्षकों के चतुर्थ द्विवार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत शामिल हुए। आयोजित अधिवेशन में सीएम ने शिक्षक संघ के कई पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रतिनिधियों की जो भी मांगे है उनपर गौर किया जायेगा और उन्हें पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
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शिक्षक अधिवेशन की सबसे दिलचस्प बात ये रही कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने शिक्षकों को उन्हीं के सम्मेलन में आईना दिखाया। सीएम रावत ने मौजूदा वक्त के कई उन गंभीर सवालों को शिक्षकों के सामने रखा जिनकी वजह से राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगते है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में सरकारी शिक्षा से आम आदमी का भरोसा उठ गया है। निजी स्कूलों में छात्रों की भीड़ है जबकि सरकारी स्कूल एक के बाद एक बंद हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकारी अध्यापकों के सामने संजीदगी से कहा 2500 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं जबकि 1000 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनमें 10 से कम छात्र-छात्राएं हैं।
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गौरतलब है कि अधिवेशन के दौरान मंच से लेकर संबोधन तक सीएम गंभीर बने रहे। हालांकि बड़ा सवाल ये है कि इस नसीहत के बाद भी राज्य की सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर आम आदमी का भरोसा कायम हो पाएगा या नहीं या भविष्य के गर्भ में है।
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