
पणजी। मनोहर पर्रिकर करीब एक महीने से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। अमेरिका में इलाज के बाद उन्हें बीते 15 सितंबर को यहां लाया गया था। उनकी गैर-मौजूदगी में गोवा की सियासत काफी गरमा गई है। शुक्रवार को पर्रिकर ने एम्स में ही अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ मंत्रालय के बंटवारे और सरकार के कामकाज को लेकर मीटिंग की थी।
जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस गोवा विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही है. शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वह मनोहर पर्रिकर की सेहत की कामना करते हैं. लेकिन बीमारी में उनके ऊपर राजकाज का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए, इससे काम भी प्रभावित हो रहा है. पार्टी ने सत्र बुलाकर देखा जाए कि किसके पास बहुमत है.
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को फिलहाल कुछ समय तक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रहना चाहिए था और गोवा लौटने के बजाए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए था।
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श्रीपद ने पर्रिकर के गोवा आने के बारे में कहा, “मुझे यह खबर मिली। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। मैंने दो दिन पहले उनसे मुलाकात की थी। उनका स्वास्थ्य पिछले 15 दिनों में बेहतर हुआ है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें कुछ दिन और एम्स में रहना चाहिए था।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि इलाज के बाद पर्रिकर अपनी उपचार प्रक्रिया के तहत पर्याप्त आराम करें।
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पर्रिरकर पिछले माह एम्स में भर्ती हुए थे। वह गोवा, मुंबई, न्यूयॉर्क और दिल्ली के अस्पतालों में पिछले सात महीनों से चक्कर लगा रहे थे।
पर्रिकर ने शुक्रवार को एम्स में अपने कैबिनेट सहयोगियों और भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ एक बैठक भी की थी।