सेना ने किया आगाह… सेंधमारी की कोशिश में ड्रैगन, गुपचुप तरीके कर रहा इस्तेमाल

नई दिल्ली। चीन अलग-अलग तरीकों से भारत में घुसपैठ की गतिविधयां करता रहता है। चाहे वो दक्षिणी डोकलाम में सड़क बनाकर सीमा विवाद को बढ़ावा देना हो या कुछ और। हर स्थिति में चीन हमेशा ही भारत के विरुद्ध षड़यंत्र करता नज़र आता है। चीन की इन्हीं चालबाजियों से बचने के मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने एक अधिसूचना जारी की है। जिसमे सभी लोगों, खासकर भारतीय सैनिकों को सचेत रहने के लिए कहा गया है। भारत के दुश्मन…

भारत के दुश्मन

बता दें कि मामला में रक्षा मंत्रालय ने चीनी डिवेलपर्स द्वारा बनाए गए कई ऐंड्रॉयड-आईओेस ऐप्स के कथित तौर पर जासूसी करने और मैलेशियस वेयर होने का शक ज़ाहिर किया है।

उन्होंने अंदेशा जताया है कि हमारे देश में सैनिकों द्वारा इन ऐप्स के इस्तेमाल से डेटा की सुरक्षा संबंधी समस्या हो सकती है। इसकी बड़ी वजह 24 घंटे सातों दिन हमारे साथ रहने वाला स्मार्टफोन बन सकते हैं। जिनमे ज्यादातर ऐप्स जरूरत से ज़्यादा जानकारी के बारे में पूछते हैं। और हम अपनी इच्छा से ऐप परमिशंस के लिए सहमति देते हैं। लेकिन हमें थोड़ा संदेह होना चाहिए कि आखिर इस नए गेम को हमारे कॉन्टेक्ट्स, जीपीएस और कैमरे की जरूरत क्यों है।

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बता दें कि मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने कुल 41 ऐप्स की लिस्ट जारी की जिनको खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। इनमें कुछ नाम जैसे – वाइरस क्लीनर, सीएम ब्राउज़र, वॉल्ट हाइड, कैचक्लियर डीयू ऐप्स स्टूडियो, डीयू ब्राउज़र, वीचैट, यूसी न्यूज़, तथा भारत में प्रचलित यूसी ब्राउज़र को भी सरकार ने खतरनाक श्रेणी में रखा है।

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गौरतलब है कि इस बात का खुलासा तब हुआ जब अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने अमेरिकी नागरिकों से इन कंपनियों के फोन्स ना खरीदने की सलाह दी। इसके पीछे वजह थी कि ‘पिछले दरवाजे’ से यूज़र्स का डेटा विदेशी सरकार के साथ साझा किए जाने की संभावना है।

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