कामयाब हुई सेंसर बोर्ड की ‘चाल’, पद्मावती को मिला अपनो से धोखा
मुंबई। सेंसर बोर्ड की ओर से फिल्म पद्मावती के मेकर्स को जो थोड़ी बहुत भी आस और उम्मीद बाकी थी वो टूट गई है। सेंसर बोर्ड की कुर्सी पर बैठे लोग अपने पिछले रवैये को अपनाते हुए दादागिरी पर उतर आए हैं। आखिरकर सीबीएफसी ने फिल्म पद्मावती को रिजेक्ट कर दिया है।
सेंसर बोर्ड के इस फैसले से लोगों फिल्म के समर्थकों को गहरा धक्का लगा है। कहीं न कहीं लोगों को उम्मीद थी कि आने वाले दिनों में ऐसी बुरी खबर सुनने को मिलेगी। इस बात का अंदेशा तभी से हो गया था, जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास करने के लिए राजपूत समाज और जयपुर के इतिहासकारों को न्यौता देकर पैनल बनाया था।
फिल्म को अप्रूव करने के लिए 6 लोगो का पैनल बनाया गया था। पैनल में मौजूद राजघराने के लोग और इतिहासकारों ने फिल्म पर आपत्ति जताई है। आपत्ति के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया है।
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याद दिला दें, कुछ समय पहले विरोध के बाद डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने वरिष्ठ पत्रकारों के लिए अपनी फिल्म की स्पेशन स्क्रीनिंग रखी थी। उस स्क्रनिंग के बाद सभी पत्रकारों ने तारीफ करते हुए बताया था कि पूरी फिल्म एक भी आपत्तिजनक सीन या सीक्वेंस नहीं है।
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स्पेशल स्क्रीनिंग करने पर सीबीएफसी चीफ प्रसून जोशी ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्हें संजय की ये हरकत बिल्कुल भी रास नहीं आई थी।
विरोधियों के मुताबिक संजय ने कहानी को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। उन्होंने वजह से इतिहास से छेड़़छाड़ की है। अबतक फिल्म का काफी विरोध हो चुका है।
पहले फिलम 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी। सेंसर बोर्ड से प्रमाणित न होने की वजह से इसकी रिलीज डेट टाल दी गई थी। इस नए फैसले के बाद भविष्य में फिल्म की रिलीज पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।