उपचुनाव : योगी आदित्यनाथ का वो भाषण जिसने कैराना में भाजपा को हरा दिया!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट हारने के बाद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ताजा उपचुनाव में कैराना सीट भी गंवानी पड़ी। गुरुवार को हुई मतगणना के बाद शामली जिले की कैराना लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को भारी मतों से हराया।

योगी आदित्यनाथ

तबस्सुम को समाजवादी पार्टी (सपा) सहित अन्य विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है। भाजपा कैराना में अपनी जीत पक्की मान रही थी, क्योंकि पार्टी यहां से लोगों के पलायन का मुद्दा उठाकर बहुत पहले से सियासी जमीन तैयार कर रही थी। पूर्व भाजपा सांसद हुकुम सिंह के इस क्षेत्र पर पार्टी को काफी भरोसा था।

गोरखपुर और फूलपुर में हार से सबक लेते हुए सत्ताधारी पार्टी ने यहां प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ा था। मतदान से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बगल के मेरठ में रोड शो और बागपत में छह किलोमीटर बनी सड़क के उद्घाटन के बहाने रैली कर अपनी और योगी सरकार की उपलब्धियों का बखान और विपक्ष पर तीखे हमले कर ‘ब्रह्मास्त्र’ भी चलाया था।

चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद मोदी की इस रैली पर रालोद ने आपत्ति जताई थी। इतना कुछ होने के बाद इस लोकसभा सीट पर तबस्सुम ने भाजपा की मृगांका को लगभग 50 हजार मतों से पराजित किया। ईवीएम में गड़बड़ी के बाद इस क्षेत्र के 73 बूथों पर दोबारा मतदान कराया गया।

वहीं, नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा का परचम लहराया है। पार्टी के नईमुल हसन ने छह हजार से भी अधिक वोटों से भाजपा प्रत्याशी अवनि सिंह को परास्त किया है।

भाजपा ने भी कैराना लोकसभा सीट को प्रतिष्ठा से जोड़कर रखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभाएं कीं, तो भाजपा के कई मंत्री, सांसद, विधायकों के अलावा आरएसएस की टीमें भी चुनाव प्रचार में लगाई गई थीं। मगर कुछ भी काम न आया।

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पूर्व सांसद हुकुम सिंह का निधन होने से रिक्त हुई कैराना लोकसभा सीट पर सहानुभूति की हवा को देखते हुए भाजपा ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को ही प्रत्याशी बनाया था। भाजपा नेताओं ने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगा, कैराना पलायन का मुद्दा भी जोर शोर से उठाया था।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कैराना और नूरपुर की जनता, कार्यकर्ताओं, उम्मीदवारों व सभी एकजुट दलों को जीत की हार्दिक बधाई।

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अखिलेश ने कहा कि कैराना में सत्ताधारियों की हार उनकी अपनी ही प्रयोगशाला में, देश को बांटने वाली उनकी राजनीति की हार है। ये एकता-अमन में विश्वास करने वाली जनता की जीत व अहंकारी सत्ता के अंत की शुरुआत है।

हार की वजह बना सीएम योगी का आखिरी संबोधन

शामली में अपनी आखिरी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ वो गलती कर गए जिसकी कीमत भाजपा को हारकर चुकानी पड़ी। योगी ने इस रैली को संबोधित करते हुए कहा- ‘‘बाप-बेटा (अजीत सिंह और जयंत) आज वोटों के लिए गली-गली भीख मांग रहे हैं’’।

एक ग़ैर-जाट के मुंह से जाटों के एक नेता के बारे में ऐसे शब्द बिरादरी के लोगों को कतई पसंद नहीं आए। उन्हें लगा कि बाहर का एक आदमी उनके घर में उनके अपने भाई और बेटे का इतना अपमान करके कैसे जा सकता है।

जाट बिरादरी अपनी भावुकता और तेवर के लिए जानी जाती है। योगी की यह बात कई लोगों को चुभ गई। यह बात अगर कोई जाट नेता भाजपा की ओर से कहता तो शायद जाटों को इतना बुरा न लगता। लेकिन योगी का ऐसा कहना रातोरात आग की तरह जाटों के बीच फैला और जाट उन्हें सबक सिखाने के लिए लामबंद हो गए।

योगी की यह गलती कैराना चुनाव का टर्निंग प्वाइंट बन गई।

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