आधार पर बोलते-बोलते ये क्या कह गए मंत्री जी, एक पल में मच गया बवाल!

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय पर्यटन तथा सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम एक विवादित बयान देने के कारण चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने आधार डाटा के लीक होने की संभावनाओं पर बोलते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जल्द ही इस पर फैसला भी आ जाएगा। लेकिन जब विदेश जाने की बात आती है, तो वीजा के लिए दस पन्नों की पर्सनल जानकारी देने और फिंगरप्रिंट देने में लोगों को गुरेज नहीं, फिर भारत सरकार को ये जानकारिया देने में परेशानी क्या है।

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भारतीय जनता पार्टी

इतना ही नहीं उन्होंने कहा लोगों को आधार के लिए बॉयोमीट्रिक्स देने में परेशानी है, पर विदेश जाने के नाम पर वीजा के लिए नंगा होने के लिए वे आसानी से तैयार हो जाते हैं। इस बयान के आने के बाद से ही मामले पर लोगो की प्रतिक्रया तेज हो गई है।

अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार आपकी अपनी है, जब अंग्रेजों को अपना डाटा आप खुशी-खुशी दे सकते हैं, तो यहां किसी को जानकारी देने में परहेज नहीं करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि सरकार आपके डाटा की पूरी जिम्मेदारी लेती है। उनके पास आपसे से जुड़ी सभी जानकारी महफूज हैं।

इसके बाद अल्फोंस ने यह भी बताया कि लोगों की आधार डाटा के लीक होने को लेकर जो चिंताएं हैं, उन्हें लेकर उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।

अल्फोंस ने कहा, “पिछले साढे तीन सालों में भारत में किसी भी आधार उपभोक्ता के बॉयोमीट्रिक्स डाटा के लीक होने का मामला सामने नहीं आया है। भारत सरकार लोगों के डाटा की हिफाज़त कर रही है और यह इसलिए संभव हो रहा है, क्योकि हम इसके लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें समय-समय पर अपग्रेड करते रहते हैं।”

वहीं गुरुवार को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोई भी हैकर डाटा हैक नहीं कर सकता है।

उन्होंने बताया कि डाटा की सुरक्षा के लिए ‘2048-एनक्रिप्शन की’ का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके कारण हैकर सुरक्षा चक्र को किसी हालत में नहीं तोड़ सकते। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि सुपरकम्पयूटर से इसे हैक करने में हैकर्स को 13 अरब साल लग जाएंगे।

खबरों के मुताबिक़ यह बात केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को कोच्चि में आयोजित फ्यूचर ग्लोबल डिजिटल समिट के दौरान कही।

उन्होंने कहा, “हमें वीजा के लिए अपने फिंगरप्रिंट्स देने और अग्रेजों के सामने नंगे होने में भी कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन भारतीय सरकार जो कि आपकी अपनी सरकार है, आपसे आपका नाम और पता पूछती है तो यह सभी को अपनी निजता पर अतिक्रमण लगता है। मतलब हम कहां तक जा सकते हैं? अब इसपर सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला लेने दो।”

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