2019 के महासंग्राम से पहले भाजपा ने खेला बड़ा दांव, चुनाव से पहले ही मोदी-शाह ने मार लिया मैदान

रिपोर्ट- राम अनुज भट्ट

लखनऊ। आरक्षण की मुखालफत करने वाला विपक्ष और इस मंसूबे से 2019 का चुनाव लड़ने वाला मुद्दा अब भाजपा ने अपने पाले में कर मंडल कमीशन की सिफारिशें शुरू कर दी। इस कड़ी में भाजपा ने पहले पिछड़ा आयोग को संवैधानिक मान्यता दिलाई है।

मोदी

लंबे समय से आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही दबे कुचले पिछड़े से दूर होती चली गई। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को उन लोगों को भी अपने साथ एकजुट करने की बड़ी चुनौती का सामना भी करना पड़ रहा था।

भाजपा ने विपक्ष के सबसे बड़े मुद्दे का आरक्षण और उसके साथ-साथ ओबीसी आयोग के ऊपर गंभीरता दिखाई और सदन में ओबीसी आयोग पर मोहर लगाई। यानी कि विपक्ष के इन मुद्दों को भी भाजपा भुना लिया है।

विपक्ष आज भी यही आरोप लगा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी केवल आरक्षण के नाम पर बयानबाजी कर रही। ऐसे में विपक्ष के पास आरक्षण का मुद्दा धीरे-धीरे भाजपा की सरकार खत्म करने में लगी हुई है। इन मुद्दों पर काफी नुकसान हो भी सकता है और नहीं भी।

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इससे पहले आरक्षण का ज्वलंत मुद्दा जो कभी ठंडे बस्ते में हुआ करता था। उसको भूतपूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने पटल पर रखकर सनसनी फैला दी और उसका विरोध भी हुआ पर आरक्षण लागू होने के बाद से ही वीपी सिंह की सत्ता या यूं कहें कि उनको सत्ता के सियासी गलियारों से बाहर का रास्ता देखना पड़ा।

भाजपा भी एक बार दांव खेलने में लगी हुई है। अगर ऐसा हो जाता है तो 2019 का चुनाव अपने पक्ष में लाने के जुगत की यह ताबूत की आखिरी कील साबित होगी या तो भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर कुछ पुराने ताबूत में समा जाएगी। जो अक्सर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भुगत चुका है।

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अब देखना दिलचस्प होगा कि एक लंबा समय सत्ता से बाहर रहने वाली भाजपा इस मौके को कैसे अपने पक्ष में लाती है।

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