लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा खेल सकता है ऐसा कार्ड जिससे महागठबंधन में पड़ जाएगी दरार

रिपोर्ट- राम अनुज भट्ट

लखनऊ। विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा को 2019 के सपा-बसपा गठबंधन की जोड़ी को देख काफी परेशान दिख रही है। लेकिन भाजपा ने एससी/एसटी एक्ट से लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर वोट बैंक को साधने का फार्मूला निकाला है।

भाजपा

ऐसे में सरकार के इन फैसलों से खुद भाजपा आश्वस्त नहीं है कि 2019 की नईया पार लगेगी। ऐसे में भाजपा एक बार फिर ‘राम’ भरोसे दिख रही है।

पिछले दिनों भाजपा के कई नेताओं ने राम मंदिर को लेकर बड़े-बड़े बयानों की झड़ी सी लगा दी है। ये मामला तब ज्यादा तूल पकड़ रहा है। जब इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की बात कहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथी और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे एक कदम आगे बढ़कर बयान दिया। जिसमें वो राम मंदिर को हर हाल में बनवाने का दावा कर रहे हैं।

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चुनावी सरगर्मियों के बीच राम-मंदिर निर्माण का मुद्दा एकबार फिर सियासी बयानों का हिस्सा बन रहा है। भले ही चुनाव अभी दूर हो। लेकिन राम नाम की पतवार के सहारे भाजपा ने अभी से अपनी नईया को पार लगाना शुरू कर दिया है।

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बता दें भारतीय जनता पार्टी यूपी की सियासत में जातीय समीकरण से लेकर राम मंदिर तक बोलने में गुरेज नहीं कर ही है।

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