ममता के फरमान को बीजेपी नेता ने दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो रोक कर दिखाएं मूर्ति विसर्जन

बीजेपी नेता की ममता को चुनौतीकोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में मुहर्रम के जुलुस के चलते माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का फरमान जारी किया है। ममता बनर्जी के इस फैसले ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। वहीँ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ने ममता के इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध कड़ा ऐतराज जताया है। बीजेपी नेता का कहना है कि ‘‘वो खुद दशमी के दिन बंगाल जायेंगे, किसी में हिम्मत हो तो माँ दुर्गा का मूर्ति विसर्जन रोक कर दिखाए’’।

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सीएम ममता बनर्जी पर अक्सर सांप्रदायिक भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। इस बार ममता बनर्जी ने मुहर्रम के जुलूसों के चलते दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर यह रोक लगा दी है। जिसके बाद बीजेपी ने आक्रामक हो गयी है। दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तजिंदर बग्गा ने दशमी के दिन खुद बंगाल जाकर मूर्ति विसर्जन की चुनौती दी है।

तजिंदर बग्गा ने ट्वीट कर लिखा, ‘मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन बंगाल में रोकने वाला कोई पैदा नहीं हुआ। देखते है कैसे रोकती है ममता बनर्जी और इसकी सरकार। उन्होंने लिखा, इस साल दशमी में मैं बंगाल रहूंगा और देखते है कौन रोकता है माँ दुर्गा के मूर्ति विसर्जन को।’

गौरतलब है कि सीएम ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन को लेकर 30 सितंबर की शाम 6 बजे से लेकर एक अक्टूबर तक रोक का आदेश दिया है। ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि मुहर्रम के जुलूसों के चलते दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर यह रोक रहेगी।

श्रद्धालु विजयदशमी को शाम 6 बजे तक ही दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कर सकेंगे। हालांकि जब ममता के आदेश को लेकर विवाद बढ़ा तो उन्होंने ट्वीटर पर सफाई दी कि “मुहर्रम के दिन 24 घंटे की अवधि को छोड़कर, विसर्जन 2 , 3 और 4 अक्टूबर को हो सकता है।”

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बता दें पिछले साल भी दशहरा 11 अक्टूबर को था, जबकि उसके अगले दिन को मुहर्रम था। तब भी ममता सरकार ने मोहर्रम को देखते हुए मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जिसके बाद ममता बनर्जी के बयान पर पूरे देश में इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इसे लेकर कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकारते हुए कहा कि ये एक समुदाय को रिझाने की कोशिश है।

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