भाजपा ने रचा कीर्तिमान, विधान परिषद में शामिल हुऐ 75 सदस्य

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दो खाली सीटों पर हुए उपचुनाव में राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। भाजपा के धर्मेंद्र सिंह सायंतवार और निर्मला पासवान निर्विरोध निर्वाचित हुए। जहां सपा का दांव खाली है। क्योंकि बहुमत न होने के बावजूद सपा ने कीर्ति कोल को अपना उम्मीदवार बनाया और बाद में उनका उम्मीदवारी फॉर्म रद्द कर दिया गया।

इसके बाद तय हुआ कि दोनों निर्विरोध चुने गए। नामांकन वापसी के अंतिम दिन रिटर्निंग ऑफिसर बृजभूषण दुबे ने भाजपा के दोनों उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया और उसके बाद उच्च सदन में भाजपा की ताकत बढ़कर 75 हो गई, जबकि सपा परिषद में केवल 9 सदस्य हैं।

दरअसल ये दोनों सीटें सपा नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन और पूर्व एमएलसी जयवीर सिंह ठाकुर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थीं। बीजेपी ने ओबीसी और दलित समीकरण सुलझाने के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसमें अहमद हसन, गोरखपुर क्षेत्र के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह के निधन और जयवीर सिंह के इस्तीफे से खाली हुई।

सीट पर भाजपा ने काशी क्षेत्र की उपाध्यक्ष निर्मला पासवान को टिकट दिया है। गौरतलब है कि धर्मेंद्र सिंह के समक्ष एसपी कीर्ति कोले का नामांकन दाखिल किया गया था,लेकिन उनका नामांकन रद्द कर दिया गया क्योंकि उनके उम्मीदवार की उम्र 30 वर्ष से कम थी। इसके बाद दोनों को निर्विरोध निर्वाचित होने की गारंटी दी गई।

भाजपा ने परिषद में 75 सदस्य दर्ज किए हैं
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के इतिहास में पहली बार भाजपा के 75 सदस्य हैं। परिषद में सपा के नौ सदस्य, बसपा, अपना दल (एस), निषाद पार्टी और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से एक-एक सदस्य हैं। जहां इसमें 2 व्यक्तिगत समूह के सदस्य, 2 शिक्षक समूह और 2 व्यक्तिगत सदस्य शामिल हैं। हालांकि, मनोनीत कोटे के तहत छह सीटें अभी भरी जानी बाकी हैं।

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