लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का बड़ा ऐलान, विपक्ष की बढ़ सकती है चिंता

राम अनुज भट्ट

लखनऊ। चुनाव आयोग ने भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान ना किया हो लेकिन राजनीतिक दलों में लोकसभा के होने वाले आम चुनाव को लेकर प्रचार प्रसार तेज होता जा रहा है।

लोकसभा चुनाव

जहां विपक्ष की एकजुटता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी इस रणनीति में लगी है कि 51% वोट कैसे पार्टी खाते में डाला जाए। लड़ाई तब और भी मजेदार हो जाती है, जब बड़े-बड़े वादों के साथ 2014 का चुनाव लड़ा गया हो।

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2019 के चुनाव पर किन बातों को लेकर भाजपा दलितों पिछड़ों और अगड़ों को एक साथ अपने खाते में लाती है यह बड़ी चुनौती होगी। विपक्षी एकता के सामने भाजपा का 51 का फ़ॉर्मूला सटीक नहीं उतर पा रहा है। जहां SC-ST मामले को लेकर सवर्णों  में खासा रोष है।

भाजपा ऐसे फैसलो से मायावती का वोट बैंक कम करने की कोशिश करेगी। गठबंधन की जुगल जोड़ी ने भाजपा के 51% के सपने के लिए मुश्किल है और ज्यादा खड़ी कर दी। जहां विपक्ष आम चुनाव में जीत के बाद इस कॉन्फिडेंस में है कि आम चुनाव में वादे पूरे ना होने पर जनता गठबंधन के साथ जाएगी।

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भाजपा को गठबंधन की मजबूती को भाप चुकी है और 2019 के लिए 73 प्लस का नारा दिया है। इसमें मुश्किल है कि कुछ कम नहीं पहले दलित और अब भाजपा के जाट नेताओं ने पार्टी के खिलाफ मुखर होना शुरू कर दिया है।

मुजफ्फरनगर से लेकर सहारनपुर तक तमाम जाट नेता सरकार की वादाखिलाफी से नाराज हैं। वहीँ गन्ने के भुगतानों को लेकर भी पश्चिमी बेल्ट सरकार के कारगुजारी से नाखुश है।

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