देश कर रहा यूपी-बिहार के नतीजे का इंतज़ार, विधानसभा में हुई बेल्टों से मार
नई दिल्ली। आज 14 मार्च 2018 का दिन भी गजब रहा। जहां एक ओर सभी की निगाहें यूपी-बिहार उपचुनाव के नतीजों पर टिकी हुई हैं। वहीं गुजरात विधानसभा में मचा बवाल सभी को भौचक्क कर देने वाला हो गया। हालांकि बिगड़े हुए माहौल को सदन में मौजूद मार्शल ने अपने बाहुबल के इस्तेमाल से रोक दिया। लेकिन नजारा ऐसा था कि मानो सदन नहीं कोई अखाड़ा हो।
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सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस और भाजपा के विधायक जोर-आजमाईश पर आमादा हो उठे। बातों के वार पल में हिंसक होकर बेल्टों और लात घूंसों के प्रहार में तब्दील हो उठे।
बता दें आज गुजरात विधानसभा में कांग्रेसी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के विधायक प्रताप दूधत ने बीजेपी विधायक जगदीश पांचाल की बेल्ट से पिटाई कर दी। इस घटना के बाद हंगामा मच गया।
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खबरों के मुताबिक़ हंगामा उस समय शुरू हुआ जब अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कांग्रेस के सदस्य विक्रम मदाम को प्रश्नकाल के बाद एक मुद्दे पर चर्चा करने के दौरान अपनी बात रखने से रोक दिया।
हालांकि मदाम ने अपनी बात रखने पर जोर दिया। ठीक इसी समय देर ने अध्यक्ष से मदाम को अपनी बात रखने की अनुमति देने को कहा।
अध्यक्ष ने उनके बात करने के लहजे पर आपत्ति जताई जिसके बाद मदाम और देर विरोध स्वरूप अध्यक्ष के आसन के पास आ गए।
बता दें कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा के विधायक जगदीश पांचाल पर माइक्रोफोन की छड़ से हमला किया और उन्हें मुक्का भी मारा। इसके बाद सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने विपक्षी पार्टी के अमरीश देर के साथ मारपीट की।
इस घटना के चलते एक कांग्रेस विधायक को बजट सत्र की पूरी अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
इससे पहले मंगलवार (13 मार्च) को कांग्रेस के 28 विधायकों को 15 दिनों के लिए स्पीकर ने निलंबित कर दिया।
दरअसल सभी विधायक पार्टी के वरिष्ठ विधायक विरजी थूमर के निलंबन का विरोध कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने निलंबित विधायकों को मार्शल से सदन से बाहर निकलवा दिया।
जब कांग्रेस के मुख्य सचेतक अमित चवदा ने पार्टी विधायकों की ओर से माफी मांगी तो स्पीकर ने निलंबन वापस लिया।
हंगामा उस वक्त हुआ, जब कृषि मंत्री आरसी फाल्दू अपने विभाग के लिए बजटीय मांग रख रहे थे उस समय सदन में हंगामा हो गया। उधर निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने घटना की निंदा की है।
दरअसल कांग्रेस नेता ठुमर ने सदन में कहा कि गुजरात में भाजपा 22 साल से सरकार चला रही मगर एक बांध तक नहीं बनवाया।
इसका विरोध करते हुए कृषि मंत्री आरसी फालदू ने पिछले दो दशक में सरकार की ओर से किए गए कार्यों को गिनाने लगे उन्होंने कई सिंचाई परियोजनाओं का हवाला दिया।
कृषि मंत्री ने भाषण में ठुमर की खिंचाई की तो कांग्रेसी विधायक आक्रोशित हो उठे और मंत्री पर सवालों की बौछार कर दी। इस बीच जब विधानसभा अध्यक्ष ने बैठने की नसीहत दी तो नहीं माने।
विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबन की चेतावनी दी तो विधायकों ने उन्हें भी चुनौती दे डाली और वे आसन के करीब पहुंचकर हंगामा करने लगे। जिस पर सख्त कदम उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने अनुशासनहीनता के आरोप में 28 विधायकों को दिन भर की कार्रवाही के लिए निलंबित कर दिया। जब दोपहर में सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तब चावदा की ओर से सभी सदस्यों की तरफ से माफी मांगी गई। तब जाकर विधानसभा अध्यक्ष ने उनका निलंबन वापस लिया।
साभार : Gujrat Headlines
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