
बसंत और फसल की शुरूआत होने के रूप में बसंत पचंमी का त्यौहार मनाया जाता है. कई लोग प्रेम के देवता काम देव की पूजा भी करते हैं. बसंत पंचमी का त्यौहार खास तौर से मां सरस्वती के लिए जाना जाता है. इस दिन से होली की शुरुआत मानी जाती है. विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ये पूजा छात्रों और कलाकारों के लिए काफी महत्व रखती है.
इस दिन लोग देवी सरस्वती को ज्ञान, कला, बुद्धि, गायन-वादन की देवी माना जाता है. बसंत पंचमी का दिन पढ़ने और लिखने की शुरूआत के लिए ही शुभ माना जाता है.
हिंदू पंचांग के मुताबिक, पंचमी तिथि सूर्योदय और दोपहर के बीच रहती है. पंचमी पर मां सरस्वती पूजा करते समय सरस्वती चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए.
शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी पूजा की शुभ मुहूर्त सुबह 07:17 से शुरू है. इसकी अवधि 5 घंटे 15 मिनट तक रहेगी. पंचमी तिथि की शुरुआत 21 जनवरी 2018 रविवार को 15:33 बजे से है और इसकी समाप्ती 22 जनवरी 2018 सोमवार को 16:24 बजे तक बताई गई है.
पूजा की विधि
इस साल बसंत पंचमी पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. इस विधि से शुभ मुहूर्त में पूजा करेंगे तो मां अपनी कृपा बरसाएंगी.
सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें.
मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें.
मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें.
उनका ध्यान कर ऊं ऐं सरस्वत्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.
मां सरस्वती की आरती करें दूध, दही, तुलसी, शहद मिलाकर पंचामृत का प्रसाद बनाकर मां को भोग लगाएं.