अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से डरा पाकिस्तान, आतंकवाद के आका हाफिज सईद पर पाबंदी

हाफिज सईदइस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से डरकर पाकिस्तान ने फ्रांस में आतंकवाद को आर्थिक मदद के खिलाफ होने वाली एक अहम बैठक के ऐन पहले गुपचुप तरीके से अपने आतंकवाद रोधी कानून में संशोधन कर दिया है। इसके तहत आतंकवाद के पनाहगार देश ने आतंकी सरगना हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत और संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल कुछ अन्य आतंकी संगठनों को अंतत: अपने देश में भी प्रतिबंधित आतंकी संगठन करार दे दिया है।

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार 18 से 23 फरवरी तक पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सालाना बैठक होनी है। इधर, अमेरिका ने भी मंगलवार को ही पाकिस्तान को वैश्विक आतंकियों की फंडिंग की सूची में डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन एफएटीएफ से औपचारिक रूप से संपर्क साधा है। अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अमेरिका ने पाक पर अलकायदा समेत अन्य आतंकी संगठनों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 से जुड़े दायरे में नहीं लाने का आरोप लगाया है।

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गौरतलब है कि अमेरिका और भारत एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं कि मनी लांडिंग और टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ की काली सूची में इस बार पाकिस्तान का नाम शामिल कर लिया जाए। इसमें ऐसे मामलों पर अलग-अलग देशों की निगरानी होती है। पाकिस्तान उससे पहले ख़ुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान को फरवरी 2012 में भी एफएटीएफ की काली सूची में डाला गया था। तब वह तीन साल तक इसी सूची में रहा था।

यह भी माना जा रहा है कि पाकिस्तान का यह कदम आंख में धूल झोंकने की कोशिश हो सकती है, क्योंकि अध्यादेश कुछ समय बाद भंग हो सकता है। अध्यादेश की अपनी समय-सीमा होती है, लेकिन अगर पाकिस्तान उसे कानून में नहीं बदलता है तो फिर ये कुछ क्षणों के लिए आंख में धूल झोंकने जैसा ही है। सवाल यह भी है कि पाकिस्तान में आम चुनाव के पहले क्या कोई भी सरकार जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठन से पंगा लेगी, जिसकी पैठ पूरे पंजाब में है।

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इसके बावजूद, पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा तथा तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है। इस सूची में हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) भी शामिल है। अब तक पाकिस्तान जमात उद दावा जैसे संगठनों को बस आतंकी सूची में रखकर काम चला रहा था। कभी प्रतिबंध की बात करता था तो कभी उस पर आर्थिक तौर पर चंदा न लेने के लिए प्रतिबंध की बात करता था, लेकिन राष्ट्रपति के अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने के बाद जमात-उद-दावा घोषित तौर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन हो गया है।

‘द एक्सप्रेस टिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार अध्यादेश आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए) की एक धारा में संशोधन करता है और अधिकारियों को यूएनएससी की ओर से प्रतिबंधित व्यक्तियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने, उनके कार्यालयों तथा बैंक खातों को सील करने का अधिकार देता है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में एक अधिकारी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि कहा, ‘संबंधित मंत्रलय इसे अधिसूचित करेगा।’

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