
मुंबई। जेलों में खराब सुविधाओं को देखते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। दरअसल, इस साल मार्च में कोर्ट ने सरकार को एक समिति बनाकर जेलों की खराब व्यवस्था को दुरुस्त करने को कहा था। बावजूद इसके सरकार ने अब तक कुछ भी नहीं किया। इस बात से नाराज न्यायालय ने शुक्रवार को सरकार को आड़े हाथ लिया।
नौकरी के बजाय खुद के कारोबार की सोचें : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
मामले को शुक्रवार को जब सुनवाई के लिए रखा गया, न्यायाधीश ए।एस। ओका और एम।एस। सोनाक की पीठ ने कहा कि सरकार ने किसी भी निर्देश का पालन नहीं किया। पीठ ने कहा, केवल एक समिति का गठन हुआ है, इसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ। यह हमारे आदेश की अवमानना के बराबर है।
इस हम संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करें? राज्य के मुख्य सचिव खुद इस आदेश से अवगत हैं। पीठ ने सरकार को एक हलफनामा दायर करके स्पष्टीकरण देने को कहा कि वह आदेश का पालन करने में नाकाम क्यों रही। अदालत ने यह मामला जनवरी के लिए स्थगित कर दिया है।
विमान पर चढ़ते समय मंत्री कमलनाथ पर कॉन्स्टेबल ने तानी बंदूक, जांच के आदेश
अदालत ने अपने आदेश में सरकार से कहा था कि वह मौजूदा जेलों में सुधार के साथ मुंबई और पुणे में और नई जेलें बनाने के लिए जगह का आबंटन करे। उसने यह भी कहा था कि जेलों के अंदर अति-आधुनिक अस्पताल होने चाहिए।




