Bad Driving vs Self Driving : क्या लोगों की जान बचाएगी ये कार

भारत में Bad Driving की वजह से 73 फीसद एक्‍सीडेंट होते हैं लेकिन, क्‍या हो अगर ऐसी गाड़ियां सड़कों पर चलें, जिनमें ड्राइवर ही न हो। कहने का मतलब यह है कि अब गूगल सहित कई कम्‍पनियां स्‍वचालित वाहनों पर काम कर रही हैं। उम्‍मीद की जा रही है कि जल्‍द ही यह पूरी तरह से सड़कों पर दौड़ती दिखाई देंगी।

यही कारण है कि इसे हम भारत के यातायात और यहां की होने वाली दुर्घटनाओं

से जोड़ कर देख रहे हैं। भारत के ग्रामीण इलाकों में 49.9 फीसद लोग बस से,

8.7 फीसद ट्रेन से, 0.1 फीसद हवाई जहाज से और 31.4 फीसद खुद के वाहनों से लोग यात्रा करते हैं।

वहीं शहरी इलाकों में 33.5 फीसद बस से, 30.9 फीसद ट्रेन से और

40.7 फीसद लोग अपने वाहनों से यात्रा करते हैं।

Bad Driving Bad Driving

 

Bad Driving vs Self Driving : इन सभी माध्‍यमों को देखें तो पता चलता है कि लोग ज्‍यादातर खुद के वाहनों से चलते हैं। यही कारण है सड़कों पर एक नहीं हजारों की तादाद में रोड एक्‍सीडेंट होते हैं। जिसमें मरने वालों की संख्‍या लाखों में है।

ऐसे में अगर अच्‍छा स्‍वचालित वाहन हो तो इन सब दुर्घटनाओं से बचने की उम्‍मीद बढ़ जाती है। क्‍योंकि स्‍वचालित वाहन नियमों का पालन पूरी तल्‍लीनता से करेगा।

अपने आस-पास चलने वाले वाहनों पर उसकी नजर पैनी होगी, जिससे आस-पास के लोग कम प्रभावित होंगे।

इन सभी बातों को ध्‍यान में रखें तो उम्‍मीद की जा सकती है कि गूगल के इस वाहन से हजारों लोगों की जान बचेगी और एक्‍सीडेंट कम होंगे।

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