अब पाकिस्तान में भी आतंकियों की उल्टी गिनती शुरू, राष्ट्रपति ममनून ने अध्यादेश पर किए दस्तखत

इस्लामाबाद। ‘देर आये लेकिन दुरुस्त आये’ पाकिस्तान द्वारा उठाये गये कदम पर यह कहावत बिलकुल सटीक बैठती है। यानी अब आतंकियों को पाकिस्तान में भी पनाह मिलना मुश्किल हो सकता है।

अब पाकिस्तान में भी आतंकियों

दरअसल, पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने उस अध्यादेश पर दस्तखत किए हैं, जिसका मकसद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे संगठनों पर शिकंजा कसना है।

इसके साथ ही यह पाकिस्तानी अधिकारियों को यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित किए गए लोगों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने एवं उनके कार्यालयों, बैंक खातों को सील करने का अधिकार देता है।

बता दें पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।

ख़बरों के मुताबिक, यह अध्यादेश मुख्य रूप से आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए) की एक धारा में संशोधन करता है।

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बता दें राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) के सूत्रों ने इस कदम की पुष्टि की।

ख़बरों के मुताबिक, ‘पाकिस्तान के गृह मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री के साथ एनएसीटीए की आतंकवाद वित्त पोषण विरोधी (सीएफटी) इकाई इस मसले पर एक साथ मिलकर काम कर रही है’।

हाफिज के लिए बज सकती है खतरे की घंटी

ख़बरों के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में पाक सरकार ने आतंकी हाफिज सईद से जुड़े दो संगठनों एफआईएफ और जमात-उद-दावा पर नियंत्रण की योजना बनाई थी। बाद में ऐसा माना गया कि इस बारे में एक कार्ययोजना सौंपी गई है। लेकिन अब इस पर सरकार उचित करवाई के मूड में दिख रही है।

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उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में तहरीक-ए-तालिबान पाक, अल-कायदा, लश्कर-ए-झांगवी, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, सहित अन्य संगठन शामिल हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि पाक सरकार आगे क्या कदम उठाती है।

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