सेना से संघ को कम्पेयर करने पर भड़के राहुल, कहा- शहीदों का अपमान है ये, माफी मांगे भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सेना पर दिया गया  बयान विवादों में घिरता जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भागवत के इस बयान की जमकर आलोचना की। उन्होंने इसे सेना का अपमान बताया और माफी मांगने की बात कही।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

खबरों के मुताबिक़ राहुल गांधी ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि आरएसएस प्रमुख को अपने बयाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

राहुल ने कहा, “मोहन भागवत ने जो बयान दिया है, वो बिल्कुल गलत है। हमारे जो जवान अपना खून देते हैं, बॉर्डर पर लड़ते हैं, उनके बारे में मोहन भागवत जी ने जो बोला है, बिल्कुल गलत है। उनको माफी मांगनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि भागवत का बयान देश के हर नागरिक का अपमान है, क्योंकि यह लोगों का अपमान है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है।

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राहुल ने कहा कि भागवत का बयान राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। यह हर उस जवान को अपमानित करता है, जिसने कभी भी इसे सलाम किया है।

राहुल ने भागवत की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हमारे देश के शहीदों और सेना का अपमान करने की वजह से भागवत जी आपको शर्म आनी चाहिए।

वहीं केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू भागवत का समर्थन करते नज़र आए। अपना पक्ष रखते हुए वे बोले, मोहन भागवत जी ने कहा है कि एक आम नागरिक को सेना के जवान की तरह तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं को कम समय लगेगा। संविधान इजाजत देगा तो संघ के कार्यकर्ता सेना का सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

रिजिजू ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत किसने मांगे थे। सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए।

वहीं भागवत के बयान पर संघ की भी सफाई आई है। संघ ने कहा कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया है।

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन बैद्य ने बयान जारी कर कहा है कि, ‘भागवत जी ने कहा है कि अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है और संविधान इजाजत दे तो, भारतीय सेना को समाज को तैयार करने में छह महीने लगेंगे जबकि संघ के स्वयंसेवकों को तीन दिनों में तैयार किया जा सकता है, क्योंकि स्वयंसेवक नियमित रूप से अनुशासन का पालन करते हैं।’ सेना से तुलना के कारण सोशल मीडिया पर भागवत की काफी आलोचना हो रही थी।

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