ये है GST पर हैरान करने देने वाली इंटरनेशनल रिपोर्ट

नई दिल्ली। कालाधन, कर चोरी और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे क्रांतिकारी कदम उठाए। हालांकि विपक्षी दलों ने इन क़दमों के खिलाफ कई बार आवाज बुलंद की। साथ सरकार द्वारा उठाए इन क़दमों को गलत भी ठहराया। लेकिन केंद्र के फैसले के आगे उनकी एक न चली। ताजा मामले में वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) ने भी पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी कर सुधार प्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

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नरेंद्र मोदी

खबरों के मुताबिक़ वैश्विक संस्था ने भारत में लागू जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को सबसे ज्यादा जटिल करार दिया है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 115 देशों में भारत में टैक्स रेट दूसरा सबसे ऊंचा है।

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बता दें रिपोर्ट में दुनिया के 49 देशों में GST के तहत 28 देशों में दो स्लैब हैं। वहीं भारत समेत पांच देशों में इसके अंतर्गत पांच स्लैब बनाए गए हैं। भारत के अलावा इनमें इटली, लक्जेम्बर्ग, पाकिस्तान और घाना जैसे देश शामिल हैं।

बता दें कि चारों देशों की अर्थव्यवस्था डामाडोल है। ऐसे में भारत GST के तहत सबसे ज्यादा स्लैब वाला देश भी है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 12 और 18 फीसद वाले स्लैब को एक करने का वादा किया है। लेकिन, कर अदा करने में सुधार और राजस्व में वृद्धि के बाद ही यह कदम उठाया जाएगा।

पिछले साल नवंबर में GST काउंसिल की गुवाहाटी बैठक में 28 फीसद के स्लैब को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। पहले इसके दायरे में 228 वस्तुओं एवं सेवाओं को रखा गया था, जिसे 50 तक सीमित कर दिया गया।

वर्ल्ड बैंक ने टैक्स रिफंड की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई है। इसका असर पूंजी की उपलब्धता पर पड़ने की बात कही गई है। रिपोर्ट में कर प्रणाली के प्रावधानों को अमल में लाने पर होने वाले खर्च को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

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विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के आधार पर भविष्य में स्थिति में सुधार आने की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट में टैक्स रेट की संख्या कम करने, कानूनी प्रावधान और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की वकालत की गई है।

ध्यान रहे, मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2017 को अमल में लाए गए GST के ढांचे में पांच स्लैब (0, 5, 12, 18 और 28 फीसद) बनाए गए हैं। सभी वस्तुओं और सेवाओं को इसी दायरे में रखा गया है।

सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं को GST के दायरे से बाहर भी रखा है और कुछ पर काफी कम टैक्स लगाए गए हैं। जैसे सोने पर 3 तो कीमती पत्थरों पर 0.25 फीसद की दर से कर लगाया गया है।

वहीं, अल्कोहल, पेट्रोलियम उत्पाद, रियल एस्टेट पर लगने वाला स्टाम्प ड्यूटी और बिजली बिल को GST के दायरे से बाहर रखा गया है।

बता दें विश्व बैंक ने बुधवार (14 मार्च) को ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ की छमाही रिपोर्ट जारी की थी।

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