असम और मिजोरम ने जारी किए संयुक्त बयान,बोले चर्चा के जरिए समाधान निकालेंगे

असम और मिजोरम की सरकारों ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे अंतर-राज्यीय सीमा के आसपास व्याप्त तनाव को दूर करने और चर्चा के माध्यम से विवादों का समाधान खोजने के लिए गृह मंत्रालय और उनके मुख्यमंत्रियों की पहल को आगे बढ़ाएंगे।
असम के मंत्री अशोक सिंह और अतुल बोरा के आइजोल पहुंचने और मिजोरम के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद यह बयान जारी किया गया।

Trouble continues in Assam-Mizoram border - Bhatkallys.com

बयान में कहा गया, ‘दोनों राज्य सरकारें अंतरराज्यीय सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने पर सहमत हैं और इस संबंध में भारत सरकार द्वारा तटस्थ बल की तैनाती का स्वागत करती हैं। दोनों राज्य अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त, वर्चस्व, प्रवर्तन या उन क्षेत्रों में नए सिरे से तैनाती के लिए नहीं भेजेंगे जहां हाल के दिनों में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच टकराव और संघर्ष हुआ है। इसमें सभी शामिल होंगे। दोनों राज्यों के बयान में कहा गया है कि करीमगंज, हैलाकांडी और कछार, असम के जिलों में असम-मिजोरम सीमा के साथ ऐसे क्षेत्र; ममित और कोलासिब जिले, मिजोरम।’

बता दे 26 जुलाई को विवादित सीमा क्षेत्र में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच हुई झड़प में सात लोग मारे गए थे. जिसमे छह असम पुलिस कर्मी और एक नागरिक मारे गए और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए, जिसके बाद केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ा।

पिछले हफ्ते दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने निर्देश दिया कि दूसरे राज्यों के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ मिजोरम में दर्ज प्राथमिकी को भी वापस ले लिया गया।

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