फैसला आने के बाद आसाराम के वकील ने जज पर उठाएं सवाल, कर दी ये बड़ी बात

नई दिल्ली। आसाराम की किस्मत का फैसला हो गया है। नाबालिग शिष्या से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी करार दिया गया है। विशेष एससी-एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा ने बुधवार सुबह सेंट्रल जेल में कोर्ट लगाकर अपना फैसला सुनाया। फैसले को लेकर आसाराम के वकील आर.के. नायक ने न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा पर गंभीर आरोप लगाये हैं।

आसाराम

दरअसल इस मामले में आसाराम दोषी करार हुआ है। आसाराम समेत दो सह आरोपियों को भी दोषी करार दिया गया है। नाबालिग के साथ बलात्कार का दोषी मानते हुए कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले आसाराम की उम्र का हवाला देकर उसके वकीलों ने कम सजा की मांग की थी।

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आसाराम की तरफ से 14 वकीलों की फौज कोर्ट में बहस कर रही थी। हालांकि बचाव पक्ष की तमाम दलीलों के बाद भी कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

14 वकीलों में से एक आसाराम पक्ष वकील आर.के. नायक ने जोधपुर कोर्ट के न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा पर दबाव में फैसला करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुकदमे का ट्रायल मीडिया ने किया है। जज जबरदस्त दबाव में थे इसलिए उन्होंने इस मामले के तथ्यों को नहीं देखा और दबाव में फैसला सुना दिया।

आसाराम के वकील ने कहा है की “जज साहब ने जो फैसला दिया है वह दबाव में दिया गया फैसला है”।

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वकील ने कहा कि जब पीड़ित लड़की ने खुद नहीं माना कि उसके साथ बलात्कार हुआ। लड़की पर दबाव बनाया गया है। उसके घरवालों की वजह से जज ने हमारी दलील सुनी ही नहीं। और उन्होंने अपना फैसला सुना दिया।

बता दें कि बचाव पक्ष की तमाम दलीलों के बाद भी कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आसाराम के साथ इस मामले में सह आरोपी शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है।

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