रिटायरमेंट के बाद एसबीआई की चेयरपर्सन ने मोदी के फैसले को बताया गलत!

अरुंधति भट्टाचार्यनई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने पहली बार नोटबंदी पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा है कि बैंकों को नोटबंदी की तैयारी के लिए और समय दिया जाना चाहिए था। देश के सबसे बड़े बैंक की चेयरपर्सन पद से सेवानिवृत्त हुई अरुंधति ने खुलकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंकों पर काफी दबाव पड़ा है।

बता दें कि गत वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से 500 और 1,000 रुपए के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया था।

एक कार्यक्रम के दौरान अरुंधति ने कहा कि इस बात का आकलन करने के लिए और समय की जरूरत है कि नोटबंदी सही कदम था या नहीं।

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नोटबंदी के लाभ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं की संख्या 40 फीसदी, उच्च मूल्य की मुद्रा पर निर्भरता कम हुई और डिजिटलीकरण बढ़ा है।

हांलाकि अरुंधति ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि कालाधन रखने वाले बच पाएंगे। टेक्नोलॉजी हमें लाखों खातों के विश्लेषण करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, ‘कालाधन रखने वालों को भी पता है कि वे जांच के घेरे में हैं’।

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पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि अगर नोटबंदी के लिए थोड़ी अधिक तैयारी का मौका मिलता तो निश्चित रूप से इसका हम पर दबाव कम होता।

उन्होंने कहा कि अगर आपको नकदी लानी-ले जानी होती है, उसके कुछ नियम है। हमें पुलिस की जरूरत होती है। नजदीकी मार्ग का चयन करना होता है। यह बड़ा ‘लाजिस्टिक’ कार्य होता है।

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