न डॉक्टर… न इंजेक्शन, यहां पानी से होता है कुत्ते के काटने का इलाज

लखनऊ। इस दुनिया में ऐसी कई चमत्कारी चीज़ें हैं। जोकि बड़े से बड़े कष्ट और बीमारियों को दूर कर देती हैं। वैसे तो आमतौर पर जानवर (कुत्ता, बिल्ली, सियार) के काटने पर मरीजों को इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी जाती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकार आपभी सोच में पड़ जायेंगे।

राम सीता मंदिर

दरअसल, जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर हरदोई सवायजपुर मार्ग पर थाना लोनार क्षेत्र के गांव नसौली डामर है। कभी यहां एक कुआं होता था जो करीब 100 साल पुराने रामसीता मंदिर के अंदर है और तब से ही यहां ऐसे मरीजों को पानी पिलाया जा रहा है। पहले कुएं से मरीजो को सप्ताह के 3 दिन शनिवार, रविवार और मंगलवार को पानी पिलाया जाता था लेकिन अब यहां लगे एक हैंड पम्प से पानी निकालकर पिलाया जाता है क्योंकि कुएं की सफाई ठीक से न होने की वजह से यह सूख गया है।

अब इसे चमत्कार कहें या फिर आस्था और विश्वास। हो कुछ भी लेकिन भला आम लोगों का ही रहा है।

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लोग इस स्थान को एक पवित्र स्थान मानते हैं और यहां का पानी पीकर ठीक होने का दावा करते हैं। हफ्ते के तीन दिन यहां मरीजों का तांता लगा रहता है। मरीजों को पानी पिलाने से पूर्व आश्रम में बने राम सीता मंदिर में आश्रम के महात्मा चंद्रमा दास दारा पूजा की जाती है।

शंख बजते ही सारे कुत्ते रोकर लग जाते हैं

इनके शंख बजाते ही आस-पास मौजूद सारे कुत्ते आसमान की ओर मुंह करके रोने लगते हैं, इस प्रक्रिया के बाद पानी पिलाने की शुरुआत होती है जो पूरे दिन चलती है। पानी पिलाने से पूर्व महात्मा द्वारा मंत्र पढ़कर पानी को मरीजों के लायक बनाया जाता है।

इंसानों के अलावा जानवरों को भी कुत्ता काटने पर लोग उन्हें पानी पिलाने के लिए यहां लाते हैं। यदि किसी महिला को कुत्ता काट ले तो उसके दूधमुहे बच्चे को भी पानी पिलाना पड़ता है ताकि बच्चे में संक्रमण ना हो।

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यही नहीं आश्रम के चारों तरफ काले और भूरे हिरणों के झुंड दिन भर कुलांचे भरते हैं। महात्मा चंद्रमा दास का कहना है कि मन्दिर क्षेत्र का पानी पवित्र है। इसलिए यह लोगों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है।

शिक्षित, अशिक्षित सभी आते हैं

यह लोगों की आस्था और विश्वास ही है कि यहां शिक्षित और अनपढ़, गरीब और अमीर सभी तबके के लोग आते हैं। अमीर तबके के लोग भले ही रैबीज का इंजेक्शन लगवा चुके हों। लेकिन यहां आकर पानी पीने में कोई बुराई नहीं समझते।

मान्यता है कि यहां से दूर जाकर कोई पानी पीता है तो पानी साधारण सिद्ध हो जाता है और फिर पीने वाले पर इसका कोई असर नहीं होता है। इसलिए स्वास्थ्य लाभ के लिए इसी स्थान पर पानी पीना आवश्यक माना गया है।

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