
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उठ रही अटकलों और विपक्ष के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है और विपक्ष द्वारा उनके नजरबंद होने जैसे आरोप निराधार हैं।

एएनआई को दिए साक्षात्कार में शाह ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा पत्र स्वयं स्पष्ट है, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री, अन्य मंत्रियों और सरकार के कार्यकाल के लिए आभार भी व्यक्त किया।
शाह ने विपक्ष के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सच और झूठ का निर्धारण केवल विपक्षी बयानों के आधार पर नहीं हो सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि धनखड़ ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से निर्वहन किया और व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया। इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल देने की जरूरत नहीं है।
विपक्षी नेताओं ने धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाए थे और दावा किया था कि सरकार ने उन्हें खामोश कर दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के साथ उन्हें चुप कराने का प्रयास किया गया। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए धनखड़ के ठिकाने पर सवाल उठाए और भाजपा पर देश को मध्ययुगीन काल में ले जाने का आरोप लगाया।