अक्षय तृतीया के साथ इसलिए भी खास है आज का दिन

आज अक्षय तृतीया है। लोग इस दिन सोना खरीदते हैं और धर्म-कर्म के काम भी करते हैं। अक्षय तृतीया के अलावा भी आज के दिन कई महत्वपूर्ण चीजें हुई थी। अक्षय तृतीया पर स्नान, दान और मांगलिक कार्यों का अधिक फलदायी माना जाता है।

अक्षय तृतीया

आज ही के दिन मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ था।

भगवान परशुराम का जन्म आज ही के दिन हुआ था।

माँ अन्नपूर्णा का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था।

द्रौपदी को चीरहरण से भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था।

कृष्ण और सुदामा का मिलन आज ही के दिन हुआ था।

कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था।

सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ आज ही के दिन हुआ था।

ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था।

प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायणजी का कपाट आज ही के दिन खोला जाता है।

वृन्दावन के बाँके बिहारी मंदिर में साल में केवल आज ही के दिन श्री विग्रह चरण के दर्शन होते हैं। अन्यथा साल भर वो वस्त्र से ढके रहते हैं।

इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।

अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। कोई भी शुभ कार्य का प्रारम्भ किया जा सकता है।।

आज ही के दिन जैन के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव जी भगवान ने 13 महीने का कठीन निरंतर उपवास (बिना जल का तप) का पारणा (उपवास छोडना) इक्षु (गन्ने) के रस से किया था। और आज भी बहुत जैन भाई व बहने वही वर्षी तप करने के पश्चात आज उपवास छोड़ते है और नये उपवास लेते है। और भगवान को गन्ने के रस से अभिषेक किया जाता है।

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