तीन तलाक के बाद और ‘उग्र’ होंगी मुस्लिम महिलाएं, ऐसे पतियों के आएंगे बहुत ‘बुरे दिन’

तीन तलाकनई दिल्ली। तीन तलाक पर मोदी सरकार को अपने पक्ष में देख मुस्लिम महिलाएं अब जरा भी दबने के मूड में नहीं हैं। ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा में पास हो चुका है। इसे राज्य सभा में पास कराने की तैयारी है। लेकिन इससे पहले ही महिलाओं ने ‘उग्र’ होने की ठान ली है।

तीन तलाक पर सफलता हासिल करने के बाद अब उन्होंने मुस्लिम धर्म में जारी बहुविवाह (चार शादी का प्रावधान) और निकाह हलाला के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है।

मीडिया से मिली खबरों के अनुसार तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च अदालत तक ले जाने वाली उत्तराखंड की शायरा बानो ने कहा कि, अब उनकी अगली लड़ाई बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ होगी। हमारे समाज में इसके लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इसके लिए कोर्ट भी जा सकती है संगठन।

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एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में एक मौलवी ऐसे ही एक तरीके तलाक-ए-बाइन से तलाक देने को बताता दिख रहा है। इसमें पुरुष तीन के बजाय दो तलाक देता है व दंपति के बीच सुलह की गुंजाइश बनी रहती है। तलाक के बाद महिला द्वारा की जानी वाली इद्दत की अवधि पूरा होने पर पुन: निकाह होने की गुंजाइश होती है। इसमें हलाला की भी जरूरत नहीं होती।

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तलाक के तरीके

  1. तलाक-ए-बिद्दत- एक बार में ही तीन बार तलाक बोल देने को तलाक-ए-बिद्दत कहा जाता है।
  2. तलाक-ए-एहसन- एक बार में एक तलाक बोलने और इसके बाद तीन महीने तक इंतजार किया। इस दौरान अगर पति-पत्नी के बीच सुलह हो जाए तो तलाक नहीं होगा। अगर सुलह नहीं हुई तो तीन महीने के बाद तलाक हो जाएगा।
  3. तलाक-ए-हसना- पत्नी के मासिक धर्म से निबटने में ही तलाक बोला जाता है। अगले मासिक धर्म के बाद दूसरी बार तलाक बोला जाता है।तीसरे महीने के मासिक धर्म के बाद तलाक बोला जाता है। इस तरह तलाक बोलने के बाद तलाक माना जाएगा।

आपको बता दें भारत कोई पहला देश नही जहां ट्रिपल तलाक को बड़ा कदम उठाया जा रहा है। भारत से पहले दुनिया के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह बैन है।

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