
शिमला, 22 अक्टूबर 2025: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम ने अचानक करवट ली है। बुधवार तड़के कुल्लू जिले में झमाझम बारिश का दौर चला, जबकि लाहौल-स्पीति के जनजातीय जिले में इस सर्दी की दूसरी बर्फबारी ने चंद्रा घाटी को सफेद चादर ओढ़ा दी।
रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिंकुला दर्रा, कुंजम दर्रा और अटल टनल क्षेत्र भी बर्फ से लकदक हो गए। इस जल्दी बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं, लेकिन चंबा जिले के जरासू जोत में हिमस्खलन ने भेड़पालकों को सदमा दे दिया। यहां ठंड और बर्फीले तूफान से करीब 250 भेड़-बकरियां मर गईं, जबकि दो भेड़पालक आइस बर्न के शिकार हो गए। उधर, राजधानी शिमला में सुबह से धूप खिली हुई है, लेकिन ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड बढ़ गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला चला आ रहा है। लाहौल घाटी में 5-6 अक्टूबर को 4-5 सेमी बर्फ गिरी थी, जो अब दूसरे दौर में पहुंच गई है। इससे कीलोंग का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जबकि शिमला में 19.6 डिग्री सेल्सियस के साथ मौसम सुहावना रहा। बर्फबारी से मनाली-लेह मार्ग पर वाहन सावधानी से गुजर रहे हैं, और बीआरओ ने सड़कें साफ करने का काम तेज कर दिया है।
जरासू जोत पर भयावह हादसा: भेड़पालकों की टीम पर बर्फ का कहर
चंबा जिले के जरासू जोत (उच्च ऊंचाई वाला दर्रा) पर शुक्रवार को बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर जा रहे भेड़पालकों पर हिमस्खलन और तेज ठंड ने हमला बोला। ग्वालटिक्कर (कांगड़ा) के दो भेड़पालक कृष्ण कुमार और जोगेंद्र कुमार 600 भेड़-बकरियों के झुंड के साथ यात्रा कर रहे थे। बर्फीले तूफान में लगभग 250 पशु मर गए, जबकि शेष घायल हो गए। दोनों भेड़पालक लंबे समय तक बर्फ के संपर्क में रहने से आइस बर्न (हाइपोथर्मिया से जलन) का शिकार हो गए।
घटना की सूचना शनिवार को चंबा के न्याग्रां पंचायत प्रतिनिधि को मिली। पंचायत प्रधान अशोक कुमार ने तुरंत ग्रामीणों की टीम रेस्क्यू के लिए रवाना की। रास्ते में रावी नदी पर धारड़ी के पास जलस्तर बढ़ने से लकड़ी की पुलिया बनाकर नदी पार की गई। कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने घायल भेड़पालकों और बची हुई भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला। दोनों को होली अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां आइस बर्न और अन्य चोटों का इलाज चल रहा है। भेड़पालकों ने बताया कि बर्फ इतनी तेज गिरी कि झुंड बिखर गया। यह घटना हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से बढ़ते हिमस्खलन के खतरे को रेखांकित करती है।
एक सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान: हल्की बर्फबारी के बाद साफ आसमान
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले सात दिनों का पूर्वानुमान जारी किया है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आज (22 अक्टूबर) हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। 23 अक्टूबर को भी कुछ स्थानों पर हल्का हिमपात हो सकता है। इसके बाद 24 से 28 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का अनुमान है। न्यूनतम तापमान 1-2 डिग्री ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि अधिकतम सामान्य रहेगा। यात्रियों को सलाह दी गई है कि ऊंचाई वाले दर्रों पर सावधानी बरतें।