बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव का महिलाओं और कर्मियों को बड़ा तोहफा, जीविका दीदियों को 30 हजार वेतन और स्थायी नौकरी का वादा

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महिलाओं और संविदा कर्मियों को लुभाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। पाटना के पोलो रोड स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने जीविका दीदियों को सरकारी कर्मी का दर्जा देने, 30 हजार रुपये मासिक वेतन और अन्य लाभों का एलान किया।

साथ ही, संविदा कर्मियों को स्थायी करने और नई ‘मां’ योजना की शुरुआत का वादा किया। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनते ही ये सभी वादे पूरे किए जाएंगे, क्योंकि वे जो कहते हैं, वही करते हैं। पिछले कार्यकाल में दिए गए वादों को 17 महीनों में पूरा करने का जिक्र करते हुए उन्होंने बिहार की जनता से बदलाव के लिए वोट मांगे।

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोग गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त हैं। नीतीश सरकार ने उनके वादों की नकल तो की, लेकिन असल में कुछ नहीं किया। छठ महापर्व से पहले ये घोषणाएं बिहारवासियों को समर्पित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जीविका दीदियों का वर्षों से शोषण हो रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। महागठबंधन सरकार बनने पर सभी जीविका सीएम (कम्युनिटी मोबिलाइजर) दीदियों को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी। उनका मासिक वेतन 30 हजार रुपये किया जाएगा, जो उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग रही है। इसके अलावा, अतिरिक्त कार्यों के लिए प्रतिमाह 2 हजार रुपये का भत्ता दिया जाएगा। उनके पुराने ऋणों पर ब्याज माफ किया जाएगा और अगले दो वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक दीदी को 5 लाख रुपये का बीमा कवर भी प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा बिहार की ग्रामीण आजीविका परियोजना ‘जीविका’ से जुड़ी करीब 2 लाख महिलाओं के लिए बड़ी राहत साबित होगी।

संविदा कर्मियों के लिए भी तेजस्वी ने जोरदार एलान किया। उन्होंने कहा कि उर्मिला और बेल्ट्रॉन जैसी कंपनियों के माध्यम से सरकार द्वारा कराए जा रहे कार्यों में लगे 2 लाख से अधिक संविदा कर्मियों का शोषण अब बंद होगा। महागठबंधन सरकार बनते ही सभी संविदा कर्मियों को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी। वर्तमान में इन कर्मियों का बड़ा हिस्सा कमीशनखोरी और 18 प्रतिशत जीएसटी कटौती के कारण आर्थिक तनाव झेल रहा है। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार इनसे काम तो लेती है, लेकिन स्थायी नौकरी क्यों नहीं देती? हम इन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तनाव से मुक्ति दिलाएंगे। पहले भी नियोजित शिक्षकों को स्थायी करने का वादा किया था, जिसे पूरा किया गया, भले ही तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इसे असंभव बताया था। अब संविदा कर्मियों के लिए भी यही करेंगे।

तेजस्वी ने महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए नई ‘मां’ (MAA) योजना की घोषणा की। उन्होंने योजना का मतलब स्पष्ट करते हुए कहा कि M का अर्थ मकान, A का अर्थ अन्न और दूसरे A का अर्थ आमदनी। बिहार की हर मां और बहन को ये तीनों सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे पहले ‘माई-बहिन मान’ योजना की घोषणा कर चुके हैं, जिसमें महिलाओं को प्रतिमाह 2,500 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, ‘बेटी’ योजना भी शुरू की जाएगी, जो लड़कियों की शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार पर केंद्रित होगी। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के हर परिवार को सरकार का हिस्सा बनाया जाएगा। जिन परिवारों में एक भी सरकारी नौकरी नहीं है, वहां एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। सरकार बनने के 20 दिनों में इसके लिए कानून बनाया जाएगा और 20 महीनों के अंदर सभी को नौकरी सुनिश्चित होगी।

इस बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जिसमें 24 महिलाएं शामिल हैं। पार्टी ने अपने वोट बैंक को मजबूत रखते हुए 50 यादवों और 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। तेजस्वी खुद वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो उनका पारंपरिक गढ़ है। 2020 में यहां से जीत हासिल की थी। पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की जगह महुआ सीट पर मुकेश रोशन को टिकट दिया गया है। राजद ने नए चेहरों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को मौका दिया है, जबकि 76 मौजूदा विधायकों में से 31 को टिकट से वंचित रखा गया है। ये घोषणाएं विपक्ष की रणनीति का हिस्सा हैं, जो महिलाओं और युवाओं पर फोकस कर रही हैं, जबकि एनडीए सरकार भी जीविका दीदियों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है।

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