
आगरा के मलपुरा क्षेत्र के मनकेंड़ा गांव में जलभराव की गंभीर समस्या से त्रस्त ग्रामीणों की सुनवाई न होने पर समाजसेवी सावित्री चाहर ने अनोखा कदम उठाया।

मंगलवार को धरना-प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन की अनदेखी से नाराज होकर सावित्री तालाब में जल समाधि लेने उतर गईं। उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया। सात घंटे बाद दो पंप सेट लगाकर जल निकासी शुरू की गई, तब जाकर सावित्री तालाब से बाहर निकलीं।
मनकेंड़ा गांव में बारिश के कारण तालाब के ओवरफ्लो होने और सफाई न होने से गलियों और रास्तों में घुटनों तक पानी भर गया। स्कूल और मंदिर जाने वालों को गंदे पानी से गुजरना पड़ रहा था, जिसके चलते कई बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया। ग्रामीणों ने मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया, लेकिन कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद सावित्री चाहर ने तालाब में गर्दन तक पानी में खड़े होकर विरोध जताया।
सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर शाम 4 बजे पुलिस, नायब तहसीलदार रजनीश कुमार रंधावा और बीडीओ वीरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। काफी समझाने के बावजूद सावित्री तालाब से बाहर नहीं निकलीं। अंततः जल निकासी के लिए पंप सेट लगाए गए, जिसके बाद सात घंटे की जिद के बाद सावित्री बाहर आईं। सीएचसी अधीक्षक डॉ. केके शर्मा ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया।
सावित्री ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के गैर-जिम्मेदार रवैये और अभद्र व्यवहार के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। वहीं, डीएम बंगारी ने कहा कि जल निकासी की व्यवस्था कर दी गई है और समस्या का समाधान किया जा रहा है।