लिंगायत संप्रदाय का बड़ा ही खास धार्मिक स्थल, जानें क्या है खास

दक्षिण भारत का राज्य कर्नाटक हर क्षेत्र में आगे है फिर चाहें वह धर्म हो संस्कृति या फिर ऐतिहासिक। यहां हर संबंध का अपना ही अलग महत्व है। इस राज्य में स्थित कुदालसंगम, लिंगायत संप्रदाय के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ में से एक है। यह स्थान राज्य के फेमस स्थान बगलकोट जिले के अलमाट्टी डैम से महज 158 किमी की दूरी पर स्थित है। सिर्फ यही वजह नहीं है इसके धार्मिक होने की यहां पर दो विशाल नदियों कृष्णा और मालप्रभा का संगम स्थल भी है। यह लिंगायत संप्रदाय के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यहां आकर आप हिंदू धर्म के विस्तार को समझ पाएंगे। तो आज इस स्थान के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

कुदालसंगम

यहां के मुख्य आकर्षण

धार्मिक महत्व को देखते हुए यह स्थान काफी मायने रखता है। मंदिर परिसर और यहां के आस-पास आप कई खूबसूरत संरचनाओं को देख सकते हैं। यहां एक मंदिर है जो चालुक्य शैली में बनाया गया है।  आप यहां बसवेश्वर के एक्य लिंग को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर धर्म और आस्था से जुड़े भव्य प्रवेशद्वार, बासवा गोपुरम और संग्रहालय देख सकते हैं।

कुदालसंगम

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मंदिर की वास्तुकला

इस मंदिर की वास्तुकला के लोग खूब कायल है। इसे देखने के लिए लोग दूर – दूर से यहां आते हैं। इस मंदिर के शिखर पर आकर्षक आकृतियों और डिजाइन का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में एक काफी बड़ा बरामदा, नवरंग और गर्भगृह भी है। इस मंदिर में शिंवलिंग अंदर बल्कि पत्थर के बने मंडप के पास है। इस मंदिर के अलावा आप यहां पर नीलीम्मा के मंदिर के भी दर्शन कर सकते हैं।

कुदालसंगम

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कैसे करें प्रवेश

बगलकोट, कर्नाटक का एक प्रसिद्ध जिला है, जहां आप तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटवर्ती हवाईअड्डा हुबली एयरपोर्ट है, रेल सेवा के लिए आप बगलकोट जंक्शन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से बगलकोट राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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