
2027 के विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार गन्ना किसानों पर मेहरबान हो गई है। पहले पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने का राज्य सलाहकारी मूल्य (SAP) 30 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाने के बाद अब सरकार ने दूसरी बड़ी राहत दी है – चीनी मिलों और गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों से लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क लेने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
गन्ना आयुक्त मिनिस्ती एस. ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी चीनी मिल या क्रय केंद्र किसान से लोडिंग-अनलोडिंग का पैसा नहीं वसूलेगा। अगर ऐसा पाया गया तो दोषी तौल लिपिक, चीनी मिल प्रबंधन और ठेकेदार ट्रांसपोर्टर के खिलाफ उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई होगी।
साथ ही घटतौली की शिकायतों पर भी लगाम कसी गई है। सभी परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों, जिला गन्ना अधिकारियों और चीनी मिल प्रबंधकों को टीम बनाकर औचक निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं। गन्ना डायवर्जन (दूसरी मिल में भेजना) पर भी सख्ती बैन लगाया गया है।
योगी राज में गन्ना क्षेत्र का बंपर विकास
- पिछले 8 साल में 4 नई चीनी मिलें स्थापित
- 6 बंद पड़ी मिलें फिर शुरू की गईं
- 42 मिलों की क्षमता बढ़ाई गई – कुल मिलाकर 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन बढ़ा
- 2 मिलों में कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) प्लांट लगाए गए
- 2025-26 के लिए गन्ने का दाम: सामान्य प्रजाति ₹370, अगेती ₹380, मध्यम ₹365 प्रति कुंतल
प्रदेश में ज्यादातर चीनी मिलों में पेराई शुरू हो चुकी है। सरकार का दावा है कि इस बार किसानों को समय से भुगतान भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
किसान संगठनों ने दोनों फैसलों का स्वागत किया है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क बंद करना बहुत बड़ी राहत है। पहले किसान को 50-100 रुपये कुंतल तक खुद खर्च करने पड़ते थे।”





