जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की जांच तेज, डॉक्टर के घर सीआईके छापा; पूछताछ में ड्राई फ्रूट कारोबारी ने लगाई खुद को आग

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ मामले की जांच के सिलसिले में काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने रविवार देर रात एक डॉक्टर के आवास पर छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार, मलखनाग इलाके में स्थित इस घर से एक मोबाइल फोन जब्त किया गया, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया। घर में हरियाणा की एक महिला डॉक्टर किरायेदार के रूप में रह रही थी। यह छापा दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए विस्फोट और फरीदाबाद से बरामद विस्फोटकों से जुड़े इस मॉड्यूल की जांच का हिस्सा है।

सीआईके की टीम ने रात के अंधेरे में तलाशी अभियान चलाया, जिसमें घर की हर कोने की छानबीन की गई। जब्त मोबाइल फोन से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। यह मॉड्यूल शिक्षित पेशेवरों जैसे डॉक्टरों और इंजीनियरों को शामिल करके पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अंसार गजवात-उल-हिंद (एजीयूएच) से जुड़ा है। जांच में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें डॉक्टर शामिल हैं, और 200 से अधिक लोगों से पूछताछ हो चुकी है। छापे श्रीनगर, अनंतनाग, गंदरबल, शोपियां, फरीदाबाद और सहारनपुर जैसे इलाकों में चल रहे हैं।

ड्राई फ्रूट कारोबारी ने की खुद को आग लगाने की कोशिश, हालत स्थिर

इसी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए ड्राई फ्रूट कारोबारी बिलाल अहमद वानी ने काजीगुंड क्षेत्र में खुद को आग लगाने का प्रयास किया। अधिकारियों ने बताया कि बिलाल को तुरंत जीएमसी अनंतनाग ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है और हालत स्थिर बताई जा रही है। उनका बेटा जसिर बिलाल अभी भी पुलिस हिरासत में पूछताछ के दायरे में है। यह घटना काजीगुंड के वानपोरा इलाके में उनके घर पर हुई।

बिलाल अहमद वानी डॉक्टर मुजफ्फर राथर के पड़ोसी हैं, जो इस ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ के प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आए हैं। मुजफ्फर के अफगानिस्तान में छिपे होने का शक है। उनके छोटे भाई डॉक्टर अदील राथर को 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। अदील (27 वर्ष) काजीगुंड, अनंतनाग के रहने वाले हैं और जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर थे। जांच में पता चला कि वे विस्फोटकों को छिपाने और तस्करी में शामिल थे। मॉड्यूल में पांच डॉक्टरों का नाम आया है, जो रेड फोर्ट ब्लास्ट से जुड़े हैं।

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा

यह मॉड्यूल शिक्षित लोगों को भर्ती कर आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने का था। दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हुई, जो इस नेटवर्क से जुड़ा था। छापों में हथियार, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और आपराधिक दस्तावेज बरामद हुए। पुलिस ने कहा कि यह नेटवर्क सामान्य लोगों जैसे ऑटो चालकों को भी इस्तेमाल करता था। जांच जारी है, और फरार आरोपियों की तलाश तेज हो गई है।

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