उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर के समीप 26 जून को हुई एक भीषण बस दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में एक 31 सीटों वाला यात्री वाहन, जिसमें 20 लोग सवार थे, अलकनंदा नदी में जा गिरा। शनिवार, 28 जून 2025 को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कीर्तिनगर के समीप एक और शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान 19 वर्षीय मौली सोनी (सूरत, गुजरात) के रूप में हुई। इसके साथ ही हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर पाँच हो गई है, जबकि सात लोग अभी भी लापता हैं।

26 जून की सुबह करीब 7:50 बजे, बद्रीनाथ की ओर जा रही एक टेम्पो ट्रैवलर (पंजीकरण संख्या UK 08 PA 7444) घोलतीर गांव के पास स्टेट बैंक मोड़ पर अनियंत्रित होकर 300 मीटर गहरी खाई में गिर गई और अलकनंदा नदी में समा गई। इस वाहन में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र से आए चारधाम यात्रा के तीर्थयात्री सवार थे। प्रारंभिक जांच के अनुसार, चालक सुमित कुमार (23, हरिद्वार) ने बताया कि एक तेज रफ्तार ट्रक से टक्कर के बाद बस अनियंत्रित हो गई।
हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनकी पहचान गौरी सोनी (41, राजगढ़, मध्य प्रदेश), विशाल सोनी (42, राजगढ़, मध्य प्रदेश), और ड्रीमी सोनी (17, सूरत, गुजरात) के रूप में हुई। शुक्रवार को एक अन्य शव, संजय सोनी (55, उदयपुर, राजस्थान) का, रतूड़ा के पास नदी के किनारे से बरामद किया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति
हादसे के बाद से ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), जल पुलिस, फायर सर्विस, जिला आपदा प्रतिक्रिया बल (डीडीआरएफ), और स्थानीय लोगों की टीमें संयुक्त रूप से बचाव कार्य में जुटी हैं। अलकनंदा नदी के तेज बहाव, मटमैला पानी, और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। राफ्ट, नाव, और सोनार उपकरणों का उपयोग करते हुए टीमें घटनास्थल से श्रीनगर डैम तक (लगभग 45 किमी) खोजबीन कर रही हैं।
अब तक आठ लोगों को बचाया जा चुका है, जिनमें से तीन गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयर एम्बुलेंस के जरिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है, जबकि पाँच अन्य का रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों की पहचान दीपिका सोनी (42, राजस्थान), हेमलता सोनी (45, राजस्थान), ईश्वर सोनी (46, गुजरात), अमिता सोनी (49, महाराष्ट्र), भावना सोनी (43, गुजरात), भव्या सोनी (7, गुजरात), पार्थ सोनी (10, राजगढ़, मध्य प्रदेश), और चालक सुमित कुमार (23, हरिद्वार) के रूप में हुई है।
लापता लोगों में ललित कुमार सोनी (48), सुषिला सोनी (77), चेतना सोनी (52), और रवि भावसार (28) राजस्थान से; मयूरी (24) और चेष्टा (12) गुजरात से; और कट्टा रंजना अशोक (54, ठाणे, महाराष्ट्र) शामिल हैं।
मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। उप जिला मजिस्ट्रेट याक्षी अरोड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने जनता से अपील की है कि हादसे से संबंधित कोई भी जानकारी एक सप्ताह के भीतर कार्यदिवसों पर उनके कार्यालय में उपलब्ध कराई जाए। पुलिस ने भी भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 125, 106, और 281 के तहत मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
हादसे का कारण और चुनौतियाँ
पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, बद्रीनाथ राजमार्ग का यह हिस्सा तीखे मोड़ों और संकरे रास्तों के लिए कुख्यात है। भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़कें फिसलन भरी थीं, जिसने हादसे की संभावना को बढ़ा दिया। चालक सुमित कुमार ने बताया कि एक ट्रक से टक्कर के बाद बस अनियंत्रित हो गई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने भूस्खलन और सड़क की खराब स्थिति को भी हादसे का कारण बताया।
रेस्क्यू ऑपरेशन को नदी के तेज बहाव और खराब मौसम ने और जटिल बना दिया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें 200 मीटर के दायरे में नदी के किनारे और पानी में खोजबीन कर रही हैं, लेकिन लापता लोगों को ढूंढना अब भी चुनौती बना हुआ है।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और सोशल मीडिया पर लिखा, “रुद्रप्रयाग जिले में टेम्पो ट्रैवलर के नदी में गिरने की खबर अत्यंत दुखद है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। मैं स्थानीय प्रशासन के निरंतर संपर्क में हूँ और सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूँ।”
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर तैनात हैं, और घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने लोगों से अफवाहें न फैलाने की अपील की है।