कानपुर के रायपुरवा थाना क्षेत्र के देवनगर में शनिवार (7 जून) रात पान मसाला कंपनी केपी ग्रुप के सेल्स एग्जीक्यूटिव अमित नाथ मिश्रा (36) ने दो पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में अमित ने कंपनी के चार कर्मचारियों—शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, नीलेश शुक्ला, और किशन तिवारी—पर मानसिक प्रताड़ना, सैलरी रोकने, और नौकरी से निकालने के आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि 20 मई से अमित को नौकरी से निकालने के बाद वह अवसाद में था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है।
अमित नाथ मिश्रा, जो 17 साल से केपी ग्रुप में सेल्स एग्जीक्यूटिव थे, शनिवार शाम अपने घर में अकेले थे। उनकी पत्नी अनुजा मिश्रा अपने डेढ़ साल के बेटे देवांश और तीन साल की बेटी पूर्वी के साथ मायके (रावतपुर गांव) गई थीं। पिता अखिलेश चंद्र मिश्रा लाटूश रोड पर अपनी दुकान पर थे, और मां सपना रसोई में व्यस्त थीं। बड़े भाई आदित्य ने बताया कि शाम 7:40 बजे जब पिता घर लौटे, तो अमित का कमरा थोड़ा खुला था। अंदर जाकर देखा तो अमित का शव चादर के सहारे पंखे से लटक रहा था। पास ही दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला।
सुसाइड नोट का सार
सुसाइड नोट में अमित ने लिखा:
- “मैं अपनी कंपनी केपी ग्रुप के कारण जान दे रहा हूं।”
- शशांक शुक्ला, पंकज भदौरिया, नीलेश शुक्ला, और किशन तिवारी ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, झूठे आरोप लगाए, और नौकरी से निकाल दिया।
- सैलरी रोकी गई और अपमानजनक टिप्पणियां की गईं, जैसे “तुमसे जूते साफ कराएंगे।”
- कंपनी मालिक राकेश मिश्रा और संदीप (अन्य कर्मचारी) ने आरोपियों का पक्ष लिया, क्योंकि उनके रिश्तेदार कंपनी में काम करते हैं।
- अमित ने अपने इंश्योरेंस के पैसे पत्नी को देने, बच्चों को परेशान न करने, और चारों आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
- उन्होंने चाचा से माफी भी मांगी।
परिजनों के आरोप
आदित्य ने बताया कि कंपनी ने अमित पर बिना सबूत के चोरी और अनियमितता के आरोप लगाए। 20 मई को नौकरी से निकाले जाने के बाद उनकी सैलरी भी नहीं दी गई। अमित ने कई बार कंपनी मालिक से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे वह गहरे अवसाद में चले गए। परिजनों ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई
रायपुरवा थाना प्रभारी संतोष कुमार गौड़ ने बताया कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। परिजनों की तहरीर के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज करने की तैयारी है। पुलिस कंपनी के कर्मचारियों और मालिक से पूछताछ करेगी। शव का पोस्टमार्टम कराया गया, और रिपोर्ट का इंतजार है।
आगे की कार्रवाई
- पुलिस सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच कराएगी।
- कंपनी के रिकॉर्ड, अमित की सैलरी डिटेल्स, और सहकर्मियों के बयान लिए जाएंगे।
- परिजनों की तहरीर पर FIR दर्ज होने के बाद आरोपियों को समन जारी हो सकता है।