लखनऊ: बदमाशों ने महिला सब-इंस्पेक्टर को बनाया बंधक, उत्पीड़न की शिकायत वापस लेने का बनाया दबाव

महिला सब इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति उसके घर आया और कहा कि उसे एक दस्तावेज पर तत्काल हस्ताक्षर चाहिए। इसके बहाने वह उसे जबरन कार में ले गया और धमकी दी।

लखनऊ में तैनात एक महिला पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया है कि उसे उसके घर से बंधक बनाकर अज्ञात लोगों ने कार में बंद कर दिया। उसने आरोप लगाया कि उसे धमकाया भी गया। एसआई ने दावा किया कि बदमाशों ने उस पर शिकायत वापस लेने और उस व्यक्ति के साथ समझौता करने का दबाव बनाया, जिसके खिलाफ उसने पिछले महीने फोन पर कथित तौर पर परेशान करने और पैसे ऐंठने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी।

पुलिस ने FIR दर्ज की

बताया जा रहा है कि यह घटना पिछले हफ़्ते की है। हालांकि, लखनऊ पुलिस ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में बीबीडी थाने में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है।

एफआईआर के अनुसार, अंशुमान पांडे और दो अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 127(2) (गलत तरीके से कारावास), 61(2) (आपराधिक साजिश) और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

लेडी ASI ने क्या कहा?

एसआई तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि 13 सितंबर को उन्हें अज्ञात व्यक्तियों द्वारा “जबरन उठा लिया गया” और धमकाया गया। तिवारी ने कहा कि दोपहर करीब 12.40 बजे एक व्यक्ति जुग्गौर के कुम्हारन पुरवा में उनके घर आया और उन्हें एक दस्तावेज दिया। उस व्यक्ति ने कहा कि यह एक नोटिस है जिस पर उनके हस्ताक्षर की आवश्यकता है।

एसआई तिवारी ने कहा, “जैसे ही मैं बाहर निकली, उस व्यक्ति ने मेरा फोन छीन लिया और मुझे बताया कि बच्चे एक कार में इंतजार कर रहे हैं और उन्हें बुखार है।” एसआई तिवारी ने दावा किया कि दो लोगों ने फिर उसे “जबरन” एक वाहन में बैठाया, जिसे कोई दूसरा व्यक्ति चला रहा था। इस दौरान कार के ड्राइवर ने उसे अंशुमान पांडे के साथ मामला सुलझाने या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा।

तिवारी ने बताया, ”वे मुझे सतरिख रोड की ओर ले गए और मुझसे दो दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए।” सब-इंस्पेक्टर ने आगे दावा किया कि उसे भिटौली चौराहे के पास छोड़ दिया गया था।

LIVE TV