लखनऊ मेट्रो के लिए 1500 करोड़ का कर्ज मंजूर

lucknow-metro_landscape_1459371485एजेन्सी/लखनऊ मेट्रो के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से 1500 करोड़ के लोन का रास्ता साफ हो गया है। ब्रसेल्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 13वें इंडियन यूरोपियन यूनियन अधिवेशन में यूरोपिनय इंवेस्टमेंट बैंक से इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक के प्रवक्ता रिचर्ड विल्स ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यूरोपियन यूनियन के बाहर ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा समझौता है।

पीएम ने इस दौरान यूरोपीय यूनियन के प्रमुख नेताओं जैसे यूरोपीय काउंसिल प्रेसीडेंट डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लॉड से मुलाकात की और रणनीतिक भागीदारी में तेजी लाने की वकालत की।अमौसी से मुंशीपुलिया तक बनने वाले 23 किलोमीटर के मेट्रो के प्रोजेक्ट पर कुल 6800 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसमें साठ फीसदी हिस्सा विदेशी बैंकों से ऋण का है। बाकी पैसा केंद्र और राज्य सरकार देगी।

यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक (इआईबी) 3300 करोड़ रुपये कर्ज देगा और सालाना .55 फीसदी की दर से ब्याज लेगा। यह कर्ज 20 साल में चुकाना होगा। पहले चार साल तक कोई किस्त अदा नहीं करनी होगी। बाकी बचे 16 वर्षों में कर्ज की अदायगी करनी होगी।

यूरोपीय यूनियन के सबसे बड़े बैंक इआईबी से मिलने वाले कर्ज से मेट्रो की आधी लागत निकलेगी। लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन इस पैसे नई रेल लाइनें और मेट्रो की बोगियां खरीदेगा।

शहर में अभी तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हिस्सेदारी महज 10 फीसदी है, मेट्रो बनने के बाद यह करीब 27 फीसदी तक हो जाएगी।

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