‘मुझे कुत्ता कह लो लेकिन पाकिस्तानी मत बुलाओ’

mazdak-dilshad-620x400नई दिल्ली। बलूच शरणार्थियों में शामिल मजदक दिलशाद जब नई दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंंचा, तब एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। मजदक को रोके जाने की वजह थी उनके पास कनेडियन पासपोर्ट होना, जिसमें उनका जन्म स्थान पाकिस्तान के क्वेटा का लिखा था।

मजदक दिलशाद को हुई परेशानी

मजदक ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें खुद को कनेडियन नागरिक साबित करने में बहुत कठिनाई उठानी पड़ी क्योंकि सुरक्षा अधिकारी उन्हें पाकिस्तानी समझ रहे थे। मजदक ने अधिकारियों से कहा कि मैं बलूच हूँ। मुझे कुत्ता बुला लो आप, लेकिन पाकिस्तानी मत कहो। मजदक ने अपने जन्म स्थान की वजह से होने वाली परेशानी को अधिकारियों को बताया।

मजदक ने बताया कि उनके पिता एक फिल्म मेकर थे, जिनका पाकिस्तानी आर्मी ने अपहरण कर लिया, मां का शोषण किया गया और उनकी खानदानी ज़मीन-ज़ायजाद को भी तबाह कर दिया गया। मेरे पिता को काफी मुश्किलों के बाद हम छुड़ा पाए और फिर हम लोग कनाडा में जा कर रहने लगे।

मजदक ने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी हमेशा से ही बलूच लोगों को परेशान करती आई है और जबरन बलूच नागरिकों की राष्ट्रीयता को खत्म करना चाहती है।

मजदक इस वक्त अपनी पत्नी के साथ बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए भारत आए हुए हैं। मजदक नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए बोले कि वो मोदी जी का धन्यवाद करना चाहते हैं क्योंकि 70 साल में ये पहली बार हुआ है कि भारत के प्रधानमंत्री ने बलूचिस्तान का मुद्दा इतने बड़े मंच से उठाया है।

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