
दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर कई कयास लगाए गए हैं. इसकी दवाओं से लेकर इसके फैलने के कारणों में अबतक कई कारण सामने आए हैं. लेकिन अबतक इनमें से किसी बात पर मुहर नहीं लगी है. किसी बात की असल वजह सामने नहीं आई है. अब लोगों का मानना यह है कि गरमी आ जाने से कोरोना वायरस से छुटकारा पाया जा सकता है. लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी जानकारी आईसीएमआर ने साझा की है. हालांकि उन्होंने इस बात का खंडन किया है. आपको बात दें कि इस वक्त स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना से 12,759 लोग संक्रमित हुए हैं और 420 लोगों की मौत हुई हैं.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुख्य महामारी विज्ञानी डॉ रमन आर गंगाखेडकर ने बताया कि चीन ने 31 दिसंबर के बाद भारत को बताया कि कोरोना वायरस नामक एक बीमारी फैल रही है। इसके बाद देश में एहतियात के तौर पर कदम उठाए गए।
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गंगाखेडकर ने बताया कि अभी तक इस वायरस ने गर्मी का पूरा मौसम नहीं देखा है, इसलिए गर्मी के मौसम में वायरस पर होने वाले प्रभाव को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह बीमारी गर्मी के मौसम में खत्म हो जाएगी।
डॉ रमन ने कहा कि लोगों को मानना है कि गर्मी के मौसम में छींकने पर निकलने वाली छोटी बूंदें जल्दी सूख जाएंगी और इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस बात का कोई सबूत मिलता है तो हम इसकी जानकारी साझा करेंगे, लेकिन वर्तमान में कोरोना के गर्मी के मौसम में खत्म होने का कोई सबूत नहीं है।
अब तक 2,90,401 लोगों की जांच की गई
वहीं, गंगाखेडकर ने बताया कि अभी तक 2,90,401 लोगों की जांच की गई हैं, जिसमें से 30,043 ( आईसीएमआर की 176 लैब में 26,331 टेस्ट और 78 प्राइवेट लैब में 3,712 टेस्ट किए गए) टेस्ट कल किए गए थे।
भारत में 24 लोगों की जांच करने पर एक पॉजिटिव मामला मिल रहा
उन्होंने बताया कि जापान में औसतन 11.7 लोगों की जांच करने पर एक पॉजिटिव मामला मिल रहा है। इटली में यह संख्या औसतन 6.7, अमेरिका में औसतन 5.3, यूके में औसतन 3.4 हैं। जबकि भारत में हम 24 लोगों की जांच कर रहे हैं तब एक पॉजिटिव मामला सामने आ रहा है।