एक साथ सभी लाइटें बंद करने से ग्रिड पर पड़ सकता है असर- नितिन राउत

नई दिल्ली।  लॉकडाउन के वक्त ऐसा पहली बार था जब देश के प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को वीडियो मैसेज के जरिए से अपनी जनता को संबोधन किया। अपील की कि सभी देश के नागरिक 5 अप्रेैल को रात को 9 बजे 9मिनट के लिए अपने घरों की सभी लाइट बंद कर करके दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल लाइट जलाएंगे। इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने पीएम से कहा कि सभा लाइटें एकसाथ बंद होने से बिजली की सप्लाई में कमी आ सकती है। यह काफी बड़ा अंतर है साथ ही देश में अकेले महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां पर सबसे ज्यादा बिजली का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा करने के स्थिति में कुछ खतरनाक असर पड़ सकता है।

नितिन राउत

महाराष्ट्र के बिजली मंत्री डॉ. नितिन राऊत के मुताबिक सभी लाइटें एक साथ बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर को वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में राज्य में बिजली की डिमांड 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार पर आ चुकी है. ऐसा उद्योगों के बंद होने से हुआ है. एक साथ सभी लाइटें बंद होने से ग्रिड पर असर पड़ने से पावर स्टेशन बंद हो सकते हैं.

उन्होंने कहा, ”पॉवर स्टेशन बंद हुए तो उसका सीधा असर इमरजेंसी सेवाओं मतलब अस्पताल में ईलाज हो रहे मरीजों पर भी पड़ सकता है. उसे ठीक कर पूर्वरत लाने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं. इसलिए बिजली मिलती रहे इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाए. क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है. डॉ. नितिन राउत ने जनता से भी अनुरोध किया है कि बिजली पर नियंत्रण बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करे.

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