फांसी से बचने को निर्भया कांड के दोषियों ने अपनाया नया हथकंडा, दिया ये अजीब बयान

एक तरफ जहाँ पूरा देश निर्भया कांड के दोषियों को फांसी पर लटका देखना चाहता है, वहीँ इस कांड के सभी दोषी फांसी से बचने के लिए रोज नए हथकंडे अपनाना चाहते हैं. आपको बता दें कि दुष्कर्म कांड के दोषी अक्षय ने मंगलवार को क्‍यूरेटिव पिटीशन  दायर की थी तो अब विनय ने बुधवार शाम को दया याचिका फाइल कर दी है. इस दया याचिका में विनय ने अपने माँ-बाप का जिक्र करते हुए बताया कि पहले वह जीना नहीं चाहता था लेकिन उनसे मिलने के बाद उसने मरने का ख्याल छोड़ दिया है.

Nirbhaya Convicts

फांसी से बचने के लिए नया हथकंडा-

जैसे जैसे निर्भया कांड के दोषियों की फांसी की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे वैसे इस कांड के सभी दोषी फांसी की सजा से बचने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहे हैं. दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका में गुहार लगाई है कि उसके माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उसको इस सजा से माफ़ी दी जाये. विनय के अनुसार उसे जेल में मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक यातना भी झेलनी पड़ी है. अब विनय ने गुहार लगाई है कि वो जो भी समय उचित हो वो बता दें, ताकि उसके वकील एपी सिंह उसका पक्ष मौखिक तौर पर राष्ट्रपति के समक्ष रख सकें.

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पहले ही ख़ारिज हो चुकी है दोषी मुकेश की दया याचिका-

आपको बता दें कि दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही ख़ारिज कर चुके हैं, अब दोषी विनय शर्मा की दया याचिका फाइल होने के बाद 1 फरवरी को होने वाली दोषियों की फांसी की सजा पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. क्यों कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से दया याचिका ख़ारिज होने के बाद दोषी को राष्ट्रपति के पास दया याचिका के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है.

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